कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। नोएडा के 10वीं क्लास के छात्र ध्रुव अग्रवाल ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। जिससे न सिर्फ उनके माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है, बल्कि पूरे इलाके में उनकी चर्चा हो रही है।
कल तक जिस विलक्षण प्रतिभा को देखकर उनके दोस्त और टीचर्स उन्हें जूनियर साइंटिस्ट बुलाते थे, उस काबिलियत को एक बड़ी कंपनी की मुहर भी लग गई है।इतनी छोटी सी उम्र में विज्ञान में अपने नए-नए योगदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स ऑटोमेशन कंपनी भारत फोटॉन बीपीआई इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड ने न सिर्फ ध्रुव अग्रवाल को मान्यता दी है बल्कि उन्हें कंपनी में इंटर्नशिप की पेशकश भी की है।
देखिये ध्रुव के वैज्ञानिक खोज की वीडियो
अगले महीने सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में शामिल होने वाले ध्रुव के कारनामों की लिस्ट काफी लंबी चौड़ी है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 के मौके पर, उन्होंने पीआईआर (प्रॉक्सिमिटी इन्फ्रारेड रेड) सेंसर का उपयोग कर एक वायरलेस सुरक्षा प्रणाली बनाई, जो किसी भी संभावित घुसपैठ या खतरे को भांप कर अलार्म को ट्रिगर करती है।जो समय रहते निगरानी प्रणाली को सतर्क कर देता है।यह सुरक्षा अलार्म आपकी गोपनीयता की रक्षा करते हुए आपके परिसर की निरंतर निगरानी कर सकता है।
बचपन से हैं ध्रुव के वैज्ञानिक कारनामे
ध्रुव महज 6 साल की उम्र से ऐसे इलेक्ट्रॉनिक्स मॉडल और प्रोटोटाइप बना रहे हैं। अब तक उन्होंने भूकंप डिटेक्टर, कॉन्टैक्ट-लेस हैंड सैनिटाइजर जैसे ऐसे कई प्रोजेक्ट बनाए जो कोविड के दौरान बहुत मददगार साबित हो सकते हैं और स्वच्छता बनाए रखने में हमारी मदद कर सकते हैं।उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों में ब्लूटूथ स्पीकर, सोप डिस्पेंसर, टेस्ला कॉइल, इत्यादि भी शामिल हैं. खास बात यह है कि ये सभी उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल हैं, जिन्हें प्लास्टिक के बिना या पुनर्नवीनीकृत उत्पादों के इस्तेमाल से बनाया जा सकता है।
ध्रुव को रूबिक क्यूब और शतरंज खेलने में गहरी दिलचस्पी
विज्ञान के प्रोटोटाइप के अलावा, ध्रुव को रूबिक क्यूब और शतरंज खेलने में गहरी दिलचस्पी है. रूबिक्स क्यूब को हल करने का उनका वर्तमान रिकॉर्ड 51 सेकंड का है, जिसे उन्होंने बहुत जल्द 40 सेकंड से कम करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने शतरंज में भी कुछ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की. हम ध्रुव को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देते हैं.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर ध्रुव एक संदेश देना चाहते हैं: “अपने सपने के साथ शुरुआत करने और दृढ़ रहने की कोई सीमा नहीं है.”