शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि निजी स्कूलों के फिजिकल क्लासेस की तरफ लौटने पर वे अपने नियमों के अनुसार तय फीस ले सकते हैं. इससे पहले 13 अक्टूबर 2020 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि कोरोना महामारी के चलते स्कूल वर्चुअल मोड में होने की वज़ह से फीस में 20 फीसद की आंशिक कटौती के आदेश दिए थे.
हाईकोर्ट ने स्कूलों को दी सशर्त छूट
लीगल खबरों पर लिखने वाली न्यूज वेबसाइट लाइव एंड लॉ के अनुसार न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी और न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य ने अभिभावकों द्वारा फीस में आंशिक छूट के लिए दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणियां की हैं.
वेबसाइट के अनुसार अभिभावकों द्वारा सत्र 2020-21 के लिए फीस में आंशिक छूट मांग को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया था. हाईकोर्ट का मानना हैं कि कोरोना के चलते आर्थिक रुप से सहायता के रुप में आंशिक कटौती की गई थी लेकिन अब स्कूल अपने पुराने ढर्रे पर लौट रहे हैं और अपने नीति के अनुसार फीस लेने के लिए स्वतंत्र हैं.
साथ ही हाईकोर्ट ने स्कूलों को पुराने फीस की वसूली के लिए शर्त भी रख दी है. हाईकोर्ट ने कहा है कि छात्रों को 28 फरवरी तक ऑनलाइन मोड में चल रही क्लासों के समय दी गई आंशिक छूट के अनुसार फीस का भुगतान करना होगा. इसके साथ निजी स्कूलों को भी आदेश देते हुए कहा कि 31 मार्च 2022 तक या अगले आदेश तक, फीस में कोई देरी होती है तो शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती है.
लेखक: गौरव मिश्र