पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर में कार्य स्थलों पर महिलाओं के यौन शोषण को रोकने और उनकी जांच के लिए पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने समिति का गठन किया है। आदेश में कहा गया है कि शारीरिक संपर्क, अग्रसरण या यौन सम्पर्क के लिए मांग या अनुरोध करना पुलिस कार्य स्थलों पर होने वाले यौन शोषण में अवांछनीय कार्य या व्यवहार माने जाएंगे।लैंगिक रूप से भद्दी टिप्पणी करना, अश्लील चित्र या साहित्य दिखाना या कोई अन्य अवांछनीय शारीरिक, मौखिक या अमौखिक लैंगिक प्रकृति का आचरण भी यौन शोषण में अवांछनीय कार्य या व्यवहार माने जाएंगे। पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर के कार्य स्थलों पर महिलाओं के यौन शोषण मामलों की जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी में डीसीपी, एसीपी और एक बाहरी सदस्य को लिया गया है।
आयुक्त के आदेश में कहा गया है कि प्रभारी डीसीपी (महिला सुरक्षा) प्रीति यादव, सहायक पुलिस आयुक्त वर्णिका सिंह और चेतना एनजीओ से ईरम नाज को जांच कमेटी में लिया गया है। प्रभारी डीसीपी प्रीति यादव को कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस समिति का गठन ‘विशाखा गाइडलाइंस’ के तहत किया गया है।