मनीष सिसोदिया की बढ़ी मुश्किलें, जासूसी मामले में CBI ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ दर्ज किया केस

by Priya Pandey
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CBI ने आम आदमी पार्टी (AAP) की ‘फीडबैक यूनिट’ से जुड़े एक जासूसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है। FIR के मुताबिक, फीडबैक यूनिट केस में सिसोदिया समेत 6 लोगों के खिलाफ केस रजिस्टर हुआ है। बता दें की मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था।सिसोदिया के अलावा जिन 5 अन्य लोगों पर केस दर्ज हुआ है उनमें तत्कालीन विजिलेंस सेक्रेटरी सुकेश कुमार जैन, रिटायर्ड डीआईजी, सीआईएसएफ एंड स्पेशल एडवाइजर टू सीएम एंड जॉइंट डायरेक्टर फीडबैक यूनिट, रिटायर्ड जॉइंट डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप कुमार पुंज (डिप्टी डायरेक्टर FBU), रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट CISF  सतीश खेत्रपाल (फीड बैक अफसर), गोपाल मोहन (दिल्ली सीएम के एडवाइजर) और एक अन्य नाम शामिल हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा मनीष सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दिए जाने के 14 दिन बाद सीबीआई ने 14 मार्च को FIR दर्ज की। उन पर आपराधिक साजिश, संपत्ति के बेईमानी से गबन, एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी, जाली दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करना, खातों में हेराफेरी और एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

बीती 8 फरवरी को सीबीआई फीडबैक यूनिट के कथित जासूसी मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से आप नेता के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय जांच एजेंसी को सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। इसके बाद से ही मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की आशंका जताई जा रही थी।

बता दें की दिल्ली में आप के सत्ता में आने के बाद इस विभाग के तहत फीडबैक यूनिट बनाई गई थी। इस यूनिट पर जासूसी कराने का आरोप है। सीबीआई के मुताबिक, एफबीयू ने 2016 को 17 कॉन्ट्रैंक्ट कर्मियों के साथ काम करना शुरू किया था। यूनिट का उद्देश्य कथित रूप से विभिन्न मंत्रालयों, विपक्षी राजनीतिक दलों, संस्थाओं और व्यक्तियों की जासूसी करना था और इसकी कोई विधायी या न्यायिक निगरानी नहीं थी।

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