लॉकडाउन में काम हुआ ठप तो एमबीए पास बना लड़कियों का लवर शिकारी, सीए लड़की समेत सैकड़ों युवतियों से ऐसे ठगे करोड़ों रुपए

by Disha
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विभिन्न डेटिंग एप पर फर्जी आईडी बनाकर लड़कियों से चैटिंग करने और उन्हें शादी का झांसा देकर ठगने वाले आरोपी ठग को गाजियाबाद जिले की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से तीन एनरॉयड फोन, दो एटीएम कार्ड और कई सिम बरामद हुई हैं। पुलिस का कहना है कि एमबीए पास आरोपी ठग खुद को आईटी इंजीनियर बताकर लड़कियों से बातचीत शुरू करता था। लड़कियों को लुभाने के लिए वह अपनी प्रोफाइल फोटो की जगह मॉडलिंग की दुनिया से जुड़े युवकों की फोटो लगाता था। राजनगर एक्सटेंशन की युवती से 24 लाख रुपए ठगे जाने की शिकायत के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

 

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साइबर सेल के नोडल अधिकारी एवं सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि 8 फरवरी को राजनगर एक्सटेंशन की गुलमोहर सोसाइटी में रहने वाली युवती ने वैभव अरोड़ा नामक युवक के खिलाफ साइबर सेल में शिकायत दी थी। युवती का कहना है कि ओके क्यूपिड नामक दोस्ती के एप के जरिए 4 सितम्बर 2021 को उसकी मुलाकात वैभव अरोड़ा नामक युवक से हुई थी। वैभव ने खुद को आईटी इंजीनियर बताया था। दोनों के बीच इंस्टाग्राम आईडी और व्हाट्सएप पर चैटिंग और बातचीत शुरू हो गई।

आरोप है कि वैभव ने पहले उससे दोस्ती की और फिर शादी का प्रस्ताव रख कर उसकी तमाम फोटो ले लीं। बाद में आरोपी ने इन फोटो को एडिट कर सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देकर उससे कई बार में 24 लाख रुपए की रकम ऐंठ ली। आरोपी ने यह रकम पेटीएम और गूगल पे आदि से अपने खाते में ट्रांसफर कराई।

पीड़िता का कहना है कि, 24 लाख रुपए ऐंठने के बाद भी आरोपी लगातार उसे ब्लैकमेल कर रहा था। जिसके बाद उसने पुलिस से शिकायत कर दी। सीओ ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर आरोपी आनंद पाल निवासी मिर्जापुर विजयनगर को गिरफ्तार कर लिया गया है। आनंद पाल ही वैभव अरोड़ा बनकर युवतियों को ठग रहा था।

पुलिस पूछताछ में उसने हाल फिलहाल में राजनगर एक्सटेंशन निवासी पीड़िता और पंजाब व दिल्ली के युवतियों को ठगने की बात कबूली है। सीओ का कहना है कि पुलिस की जांच में आरोपी द्वारा पंजाब की युवती से 3 लाख रुपए और दिल्ली निवासी युवती से 20 हजार रुपए ठगे जाने की पुष्टि हुई है।

सीओ अभय कुमार मिश्र ने बताया कि आरोपी आनंद पाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री लेने के बाद स्टार ईवेंट नाम से अपनी फर्म बनाई थी। फर्म के जरिए वह ईवेंट मैनेजमेंट का काम करने लगा था। लेकिन कोरोना काल की वजह से उसका रोजगार ठप हो गया। आर्थिक तंगी से जूझने के बाद उसके दिमाग में ठगी का धंधा आया और वह खुद की पहचान छिपाकर इस गोरखधंधे में उतर गया। इसके लिए उसने विभिन्न डेटिंग एप पर वैभव अरोड़ा के नाम से 11 फर्जी आईडी बना ली और खुद को एमबीए के बजाए आईटी इंजीनियर बताने लगा।

साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि आरोपी आनंदपाल चैटिंग के जरिए किसी भी लड़की से पहले दोस्ती करता था। उसके बाद खुद को हाईप्रोफाइल युवक बताकर वह उन्हें अपने प्रेमजाल में फंसाता था। कुछ ही दिनों में वह लड़कियों से शादी करने की बात करने लगता था। लड़कियों का भरोसा जीतने के बाद वह अचानक खुद का एक्सीडेंट होने या फिर अन्य बहाने बनाकर उनसे अपने खाते में रकम ट्रांसफर कराने लगता था। कुछ लड़कियां आरोपी की चाल को जल्द भांप जाती थीं, लेकिन कुछ को मोटी रकम गंवाने के बाद अपने साथ ठगी होने का एहसास होता था। साइबर सेल प्रभारी ने बताया कि आरोपी के मोबाइल फोन में 500 से अधिक लड़कियों के नंबर और बातचीत की चैट मिली हैं।

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