- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल करेंगे मोरबी का दौरा
- मोरबी पुल हादसे में नौ लोग हिरासत में
- मोरबी में जारी है राहत एवं बचाव कार्य
गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर केबल पुल टूटने से अब तक मरने वालों के संख्या 134 हो गई है. सभी के जहन में एक ही सवाल है कि अखिर चूक कहां हुई? अब इस घटना पर चौकाने वाली खबर सामने आई है. 100 साल पुराने इस ब्रिज के मरम्मत का कार्य ओरेवा ग्रुप को दी गई थी, जिसे CFL बल्ब, दीवार घड़ी और ई-बाइक बनाने में विशेषज्ञता हासिल है. खबर ये भी आ रही है कि 150 क्षमता वाले इस ब्रिज पर आखिर 500 लोगों को आने की अनुमती कैसे दी गई.
हादसे में घायल हुए लोगों को GMERS जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुल टूटने के मामले में पुलिस ने नौ लोगों को हिरासत में लिया है. लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि उसे 100 साल से भी अधिक पुराने पुल की मरम्मत का ठेका कैसे मिल गया?
बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के खोल गया था ब्रिज
मच्छु नदी पर बना केबल पुल 7 महीने पहले मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था और इसे 26 अक्टूबर को गुजराती नव वर्ष के मौके पर फिर से खोला गया था. यह ‘झूलता पुल’ के नाम से मशहूर था. इस साल मार्च में ओरेवा ग्रुप को मोरबी नगर निकाय ने पुल की मरम्मत और देखरेख का ठेका दिया था. ऐसा आरोप है कि पुल को बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के खोल दिया गया.
रूसी राष्ट्रपती ब्लादिमीर पुतिन ने जताई गहरी संवेदना
रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने मोरबी हादसे पर दुख जताया. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि गुजरात में हादसे में मारे गए मृतकों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. मृतकों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
कंपनी समूह के प्रवक्ता ने दुर्घटना की बताई ये वजह
करीब 5 दशक पहले ओधावजी राघवजी पटेल की ओर से स्थापित कंपनी मशहूर अजंता और ओरपैट ब्रांड के तहत दीवार घड़ी बनाती है. कंपनी समूह के प्रवक्ता ने दुर्घटना के तुरंत बाद कहा था कि पुल इसलिए टूटा क्योकि पुल के मध्य में कई सारे लोग इसे एक तरफ से दूसरी तरफ झुलाने की कोशिश कर रहे थे.