पिछले दिनों रूसी क्रेमलिन ने एक ऐसे क़ानून की पेशकश की थी जो मीडिया की स्वतंत्रता पर निशाना साधता है। अब इस ‘फ़ेक न्यूज़’ से जुड़े क़ानून को पुतिन ने औपचारिक रूप से मंज़ूरी दे दी है।

क्रेमलिन व्लादिमीर पुतिन/REUTERS
इस क़ानून के तहत विदेशों में रूसी अधिकारियों के कामकाज के विषय में ‘फ़ेक न्यूज़’ फैलाने के दोषी पाए जाने पर 15 साल की सज़ा का प्रावधान है।
बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत में भी एक ऐसा ही क़ानून लाया गया था जिसके मुताबिक़ रूसी सशस्त्र
बलों के बारे में ग़लत जानकरी फैलाने पर लोगों को जेल भेजे जाने का प्रावधान था। यह क़ानून भी उससे काफ़ी हद तक मिलता जुलता है।
ये दोनों ही क़ानून मीडिया पर शिकंजे की तरह देखे जा रहे हैं। रूस में क्रेमलिन को पसंद न आने वाली बातों पर एक तरह का सेंसर रहता है अब इन क़ानूनों के चलते पत्रकारों की स्वतंत्रता पर बड़ा संकट आ गया है। यही नहीं, रूस में स्थित कई विदेशी मीडिया कंपनियों ने देश छोड़ने का फ़ैसला भी लिया है।