जाति जनगणना पर अपना रुख साफ़ करने के बाद, सीएम नीतीश कुमार में अब पेगासस मामले की बाबत राहुल गांधी के बयान की गूंज सुनाई दे रही है।
बिहार के सीएम ने कहा कि अगर विपक्ष पेगासस स्कैंडल की जांच की मांग कर रहा है, तो जांच शुरू की जानी चाहिए। हाल के दिनों में, कुमार कई मौकों पर भाजपा के रुख से अलग दिखाई दिए हैं।
इसके अलावा जब केंद्र ने सुझाव दिया कि जाति आधारित जनगणना में ओबीसी की गिनती नहीं की जाएगी, तो कुमार ने आपत्ति जताई। उन्होंने तेजस्वी यादव की बात मान ली और कहा कि इनकी गिनती की जाए। ख़बर यहां तक आई कि अगर केंद्र जाति आधारित जनगणना नहीं करता तो बिहार सरकार करेगी।
कई लोगों का मानना है कि अपने ओबीसी वोटबैंक के लिए स्टैंड लेना नीतीश के लिए एक राजनीतिक मजबूरी है। वहीं कुछ का यह भी कहना है कि इन बयानों के पीछे नीतीश की मंशा केंद्र को यह बताने की है कि भले ही वे विगत चुनावों में सीटें हारें हों लेकिन वे आत्मसमर्पण पाले में नहीं हैं।
पेगासस, जाति जनगणना, चौटाला और यूपी जनसंख्या नियंत्रण मसौदा विधेयक पर कुमार के रुख को उनकी राजनीतिक उपस्थिति के लिए एक आवश्यकता माना जा सकता है।