डायरेक्टर उमेश शुक्ला की हालिया रिलीज फिल्म ‘आंख मिचौली’ विवादों में आ गई है। दिव्यांगजनों का विशेष कोर्ट ने फिल्म के प्रोड्यूसर्स और सेंसर बोर्ड को एक नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस नोटिस के जरिए फिल्म में कथित तौर पर विभिन्न प्रकार की डिसेबिलिटीज का मजाक उड़ाने वाला कंटेंट पेश करने पर जवाब मांगा है।TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, डिप्टी चीफ कमिश्नर (डिसेबिलिटी) पीपी अंबष्ट ने 11 नवंबर को फिल्म से जुड़ी प्रोडक्शन कंपनी के डायरेक्टर्स को यह नोटिस इश्यू किया। सेंसर बोर्ड के सीईओ और इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री के सेक्रेट्री से भी इस मामले में जवाब मांगा गया है।
मृणाल ठाकुर, परेश रावल, शरमन जोशी और अभिमन्यु दसानी स्टारर फिल्म 3 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही और अब यह विवादों में भी आ गई है। CCPD की ओर से दिए गए इस नोटिस में कहा गया कि मैरी गो राउंड स्टूडियोज और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित और सेंसर बोर्ड से प्रमाणित यह फिल्म दिव्यांगजनों के 2016 के अधिकार अधिनियम के तहत उनका मजाक उड़ाती है।
बता दें की इस फिल्म में बोलने, सुनने, देखने और बौद्धिक दिव्यांगता का मजाक उड़ाया गया है। CCPD ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी दिव्यांग व्यक्ति का अपमान करना दंडनीय अपराध है। नोटिस के अनुसार, इस अधिनियम के सेक्शन 92 के आधार पर कोई भी किसी सार्वजनिक स्थान पर दिव्यांग व्यक्ति का जानबूझकर अपमान करता है तो उसे दंडित किया जाएगा। ये सजा 6 महीने से 5 साल तक बढ़ाई जा सकती है।