एक किसान की मौत, 86 पुलिसकर्मी घायल और 17 गाड़ी क्षतिग्रस्त, क्या थी ये शांतिपूर्ण ट्रैक्टर परेड ? जनता मांग रही है जवाब

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गणतंत्र दिवस पर किसानों ने केंद्र सरकार और पुलिस से शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर यात्रा निकालने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज की इस किसान ट्रैक्टर परेड और किसानों के प्रदर्शन में एक किसान की मौत, 86 पुलिसकर्मी घायल और 17 गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई है। अगर यह शांतिपूर्ण किसान आंदोलन है तो अशांतिपूर्ण किसान आंदोलन कौन सा होगा और कैसा होगा।

आज गणतंत्र दिवस पर किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड यात्रा निकाली थी। यह ट्रैक्टर यात्रा कितनी भयानक थी कि किसानों के इस शांति आंदोलन ने इतिहास रच दिया है। पहली बार देश में इस तरीके से गणतंत्र दिवस मनाया गया है। जहां पर दिल्ली की सड़कों पर किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई है। पहली बार ऐसा हुआ है कि टीवी पर परेड और कार्यक्रम के बदले किसानों के हंगामे दिखाए जा रहे हैं। आज पूरे विश्व में यह आंदोलन चर्चा का विषय बन गया है।

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आज किसान आंदोलन के दौरान एक 30 साल के किसान की मौत हो गई है। इस किसान की मौत ITO पर ट्रैक्टर के नीचे दबने से हुई है। यह ट्रैक्टर किसान का ही था। पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर चालक रोड पर हंगामा करते हुए स्टंट करके दिखा रहा था। जिसके नीचे एक 30 साल का युवक के साथ दब गया और उसकी मौत हो गई।

वहीं पुलिस ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। पुलिस ने भी किसानों पर लाठीचार्ज की और आंसू गैस दागे हैं। इस नोकझोंक में 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिनमें से 45 पुलिसकर्मी को सिविल लाइन अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। इस आंदोलन के दौरान 17 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए किसान ट्रैक्टर हिंसा के बाद चार एफ आई आर दर्ज की हैं।

कुछ समय पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा है कि, शांतिपूर्ण आंदोलन और ट्रैक्टर परेड के लिए देश के किसानों को बधाई। किसानों में आक्रोश बहुत गहरा है। फिर भी उन्होंने आमतौर पर संयम का परिचय दिया है। सरकार को किसानों का आक्रोश पहचानना चाहिए और किसानों की बात मान लेनी चाहिए।

अब यह सोचने वाली बात है कि अगर यह शांतिपूर्ण किसान आंदोलन था, तो अशांतिपूर्ण आंदोलन कैसा होगा। वही कुछ किसानो का कहना है की किसान के भेष मे कुछ लोगो ने ये कार्य करके किसानो के आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रची है। 

बात चाहे जो भी हो पर आज का दिन इतिहास मे एक काले दिवस के रूप में याद किया जाएगा।

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