‘एक फ़िल्म लखीमपुर खीरी की हिंसा पर भी बननी चाहिए’ – अखिलेश यादव

by MLP DESK
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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बॉलीवुड फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को अपना समर्थन देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर घाटी से कश्मीरी पंडितों के सामूहिक पलायन पर एक फ़िल्म बनाई जा सकती है, तो एक फ़िल्म लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर भी होनी चाहिए।

 

Credit- Hindustan

 

दरअसल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने चार किसानों समेत आधा दर्ज़न लोगों को अपनी कार के नीचे कुचलकर चार अक्टूबर को 2021 में आठ लोगों की जान गंवाई थी।

आजतक से बात करते हुए यादव ने कहा कि उस हिंसा पर भी फ़िल्म बननी चाहिए। साथ ही महंगाई, बेरोज़गारी और विकास जैसे मुद्दों पर बीजेपी को घेरा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​​​था कि किसानों के गुस्से का खामियाज़ा ज़िले में और कुछ हद तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को भुगतना पड़ेगा। हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा ने लखीमपुर खीरी ज़िले की सभी आठ विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फ़िल्म को सच्चाई को उसके सही रूप में लाने वाला बताया और ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ की सराहना करने और इतिहास को समय-समय पर सही संदर्भ में प्रस्तुत करने की बात कही। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बॉलीवुड फ़िल्म को सच्चाई का एक साहसिक प्रतिनिधित्व बताया।

उन्होंने आगे कहा कि फ़िल्म ने दुनिया के सामने कश्मीरी पंडितों के बलिदान, असहनीय दर्द और संघर्ष को उजागर किया है। ‘कश्मीरी पंडितों को आतंक के साये में घाटी से भागने के लिए मजबूर किया गया’ इस बीच, कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया।

इसी बीच कांग्रेस ने कश्मीरी पंडितों के कल्याण और पुराने घावों को खरोंचने के मुद्दे का फ़ायदा उठाने के लिए पीएम मोदी की खिंचाई की। पार्टी ने कहा कि पीएम को देश को बताना चाहिए कि 1990 में जब कश्मीरी पंडितों को आतंक और बर्बरता के साये में घाटी से भागने के लिए मजबूर किया गया था, तो भाजपा के 85 सांसद क्या कर रहे थे क्योंकि केंद्र में भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार चल रही थी।

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