पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को लगा बड़ा झटका, एमक्‍यूएम ने छोड़ा साथ

by Priya Pandey
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पाकिस्‍तान में कुर्सी बचाने के लिए झूठे दावे कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान को सहयोगी दल एमक्‍यूएम पी ने करारा झटका दिया है। संयुक्‍त विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव से ठीक पहले एमक्‍यूएम पी ने इमरान खान के खिलाफ वोट देने का ऐलान कर दिया है। एमक्‍यूएम के साथ छोड़ देने से इमरान समर्थक सांसदों की संख्‍या घटकर 164 पहुंच गई है। वहीं विपक्षी दलों के खेमे में अब 177 सांसद हो गए हैं। एमक्‍यूएम पी के कुल 7 सांसद हैं। हालत यह हो गई है कि अब विपक्ष को इमरान की पार्टी के बागी सांसदों की भी जरूरत नहीं रह गई है।

पाकिस्‍तान के जिओ न्‍यूज के मुताबिक इस ताजा घटनाक्रम के बाद इमरान खान सरकार ने संसद के निचले सदन में अपना बहुमत खो दिया है। अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर 3 अप्रैल को मतदान हो सकता है जिसमें अब इमरान खान का जाना तय माना जा रहा है। एमक्‍यूएम पी का यह फैसला विपक्षी दलों के साथ एक मसौदे पर हस्‍ताक्षर के बाद आया है। सूत्रों के मुताबिक इस समझौते पर नैशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ, पीडीएम के मुखिया मौलाना फजलुर रहमान और आसिफ अली जरदारी ने हस्‍ताक्षर किया है।

एमक्यूएम के समर्थन वापस लेने के बाद पीटीआइ सरकार ने निचले सदन में बहुमत खो दिया है। सदन में अब पीटीआइ समर्थक सांसदों की संख्या घटकर 164 हो गई है। जबकि संयुक्त विपक्ष के 177 सदस्य हो गए हैं। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल सदस्यों की संख्या 342 है। बहुमत के लिए 172 सांसदों का समर्थन चाहिए। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव 31 मार्च से बहस शुरू होगी और तीन अप्रैल को वोटिंग होगी।

इस बीच, इमरान खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। इमरान खान ने एक रैली में कहा, ‘पाकिस्तान में सरकार बदलने की कोशिश विदेशी पैसों के जरिए की जा रही है। हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ लोग हमारे खिलाफ विदेशी पैसों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें पता है कि किन जगहों से हम पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। हमें लिखित में धमकी दी गई है, लेकिन हम राष्ट्रहित से समझौता नहीं करेंगे।’

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