पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि “उन्होंने सत्ता में आने के बाद भारत से रिश्ते सुधारने की बात की थी, लेकिन भारत की कमान जिस विचारधारा के हाथ में है, उस वजह से ये संभव नहीं हो पाया.”
बीबीसी हिंदी के अनुसार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिकी मीडिया संस्थान सीएनएन के ग्लोबल पब्लिक स्क्वायर प्रोग्राम में अपनी बात रख रहे थे.
इस पूरे इंटरव्यू को भारतीय मूल के मशहूर पत्रकार फरीद जकारिया द्वारा लिया गया, इंटरव्यू के दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे, शिंजियांग में मुसलमानों के उत्पीड़न, भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर प्रश्न पूछे गए.
भारत-पाक के रिश्तों की आड़ में फिर अलापा कश्मीर का राग
पत्रकार फरीद जकारिया ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर सवाल पूछते हुए कहा कि दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं. ऐसे में दुनियाभर के देश दोनों देशों के रिश्तों को लेकर चिंतित रहते हैं. क्या आप कोई संभावना देखते हैं कि दोनों देशों में शांतिपूर्ण संबध स्थापित हो?
इस प्रशन के जवाब में इमरान खान ने कहा कि “मैं उन लोगों में से हूं जो भारत को अच्छी तरह से समझता हूं. पाकिस्तान में किसी से ज्यादा भारत को जानता हूं. ऐसा इसलिए है क्योंकि वहां की मीडिया और नेताओं से मेरे अच्छे संबध हैं. जब मैं सत्ता में आया तो पहली कोशिश मेरी यही थी कि भारत के साथ संबध ठीक हों. मैंने कहा कि अगर भारत एक कदम आगे बढ़ेगा तो मैं संबध ठीक करने के लिए दो कदम आगे बढ़ूगा. हम दोनों के बीच महज कश्मीर का मुद्दा है और अच्छे पड़ोसी की तरह हम इसे वार्ता के ज़रिए सुलझा सकते हैं.”
साथ ही इमरान ने कहा, “दुर्भाग्य से आरएसएस की विचाराधारा के पास भारत की कमान आ गई है. हम सभी जानते हैं कि आरएसएस के संस्थापक कौन थे, वो नाजियों से प्रेरणा लेते थे. मैं जो कह रहा हूँ उसकी आप पुष्टि कर सकते हैं. आरएसएस की विचाराधारा ने ही महान महात्मा गांधी की हत्या की थी. ऐसे में इस विचाराधारा के साथ बातचीत मुश्किल हो जाती है, मैंने बातचीत की कोशिश की लेकिन उनकी विचाराधारा को मुसलमानों, पाकिस्तान और अल्पसंख्यकों से नफरत है. भारत में जो कुछ हो रहा है, उससे ज्यादा नुकसान उनका ही है ना कि पाकिस्तान का. हमारा संबध ठंडे बस्ते में है, लेकिन भारत में जो कुछ हो रहा है वो चिंताजनक है.”
शिंजियांग मुद्दे पर पश्चिमी मीडिया पर साधा निशाना
बार-बार कश्मीर राग अलापने पर पत्रकार फ़रीद जकारिया ने पूछा कि आप कश्मीर में मुसलमानों को लेकर बोलते हैं लेकिन शिंजियांग को लेकर कुछ नहीं बोलते?
इसका जवाब देते हुए इमरान खान कहते हैं कि
“कश्मीर में मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, उसकी तुलना हम चीन के शिंजियांग के साथ तुलना नहीं कर सकते हैं।
शिंजियांग को लेकर सच जानने का मेरा एक ही स्त्रोत है और वह है चीन में पाकिस्तान के राजदूत. कश्मीर में जो हो रहा है वह अपराध है. पश्चिम का मीडिया और कुछ कह रहा है जबकि चीन का कुछ और कहना है. ऐसे में हम किसपर भरोसा करें, इसलिए मैं अपने राजदूत से जानकारी लेता हूं. मेरे राजदूत पश्चिमी मीडिया की रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं.”
‘अफ़गानिस्तान में तालिबान का कोई विकल्प नहीं’
सवालों जवाबों की इस कड़ी की आगे बढ़ाते हुए पत्रकार फरीद जकारिया ने अफ़ग़ानिस्तान को लेकर भी प्रश्न किया. इस पर इमरान खान ने कहा “अमेरिका के जानें के बाद अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवाद बहुत कम हुआ है. अभी अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का कोई विकल्प नहीं है. ऐसे में पूरी दुनिया को तालिबान के साथ सहयोग करना चाहिए. आज या कल दुनिया तालिबान को मान्यता देगी.”
लेखक: गौरव मिश्र