PM मोदी ने छत्‍तीसगढ़ में 7600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन, CM भूपेश बघेल समेत कई नेता मौजूद

by Priya Pandey
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शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लगभग 7,600 करोड़ रुपये की लागत वाली आठ परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के 33 किलोमीटर लंबे रायपुर-कोडेबोड़ खंड के चार लेन और एनएच-130 के 53 किलोमीटर लंबे चार लेन वाले बिलासपुर-पथरापाली खंड का लोकार्पण किया।बारिश में ही साइंस कॉलेज मैदान में कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह शामिल हुए।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा है। आज छत्तीसगढ़ को 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उपहार मिल रहा है। ये उपहार इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए है, कनेक्टिविटी के लिए है। ये उपहार छत्तीसगढ़ के लोगों  का जीवन आसान बनाने के लिए है, यहां की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए है।

पीएम मोदी ने कहा, “भारत सरकार के इन प्रोजेक्ट्स से यहां रोजगार के अनेकों नए अवसर भी बनेंगे. यहां के धान किसानों, खनिज संपदा से जुड़े उद्यमियों और टूरिज्म को भी इन प्रोजेक्ट्स से बहुत लाभ मिलेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इनसे आदिवासी क्षेत्रों में सुविधा और विकास की नई यात्रा शुरू होगी। भारत में हम सभी का दशकों पुराना अनुभव यही है कि जहां इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर रहा, वहां विकास भी उतनी ही देरी से पहुंचा। इसलिए आज भारत उन क्षेत्रों में अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है, जो विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और बहुत बड़ा लाभ है, जिस पर उतनी चर्चा नहीं होती। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का संबंध सामाजिक न्याय से भी है। जो सदियों तक अन्याय और असुविधा झेलते रहे उन तक भारत सरकार आज ये आधुनिक सुविधाएं पहुंचा रही है। गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासियों की बस्तियों को आज ये सड़कें और रेल लाइनें जोड़ रही हैं। इन दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को, माताओं-बहनों को आज अस्पताल पहुंचने में सुविधा हो रही है। 9 वर्ष पहले छत्तीसगढ़ के 20% से अधिक गांवों में किसी तरह की मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं थी, आज ये घटकर लगभग 6% रह गई है। इनमें से अधिकतर जनजातीय और नक्सल हिंसा से प्रभावित गांव हैं। गांवों को भी अच्छी 4G कनेक्टिविटी मिले, इसके लिए भारत सरकार 700 से अधिक मोबाइल टॉवर लगवा रही है। इनमें से करीब 300 टॉवर का काम करना शुरू कर चुके हैं। आज छत्तीसगढ़ 2-2 इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ रहा है। रायपुर-धनबाद इकोनॉमिक कॉरिडोर और रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर इस क्षेत्र का भाग्य बदलने वाले हैं।”

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