राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज जनपद गौतम बुद्ध नगर के इण्डिया एक्स्पो मार्ट ग्रेटर नोएडा में सातवें भारत जल सप्ताह का उद्घाटन किया है. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है. भारतीय सभ्यता में जल जीवन में ही नहीं जीवन के बाद की यात्रा में भी महत्वपूर्ण है. इसलिए सभी जल स्रोतों को पवित्र माना जाता है.
आगे राष्ट्रपति ने कहा कि फिलहाल स्थिति पर नजर डालें तो स्थिति चिंताजनक लगती है. बढ़ती आबादी के कारण हमारी नदियों और जलाशयों की हालत बिगड़ रही है, गांव के तालाब सूख रहे हैं और कई स्थानीय नदियां विलुप्त हो गई हैं. कृषि और उद्योगों में पानी का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है. पृथ्वी पर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है, मौसम का मिजाज बदल रहा है और बेमौसम अत्यधिक वर्षा आम हो गई है. ऐसे में इस तरह के जल प्रबंधन बहुत ही सराहनीय कदम है.
राष्ट्रपति ने कहा कि पानी कृषि के लिए भी एक प्रमुख संसाधन है। एक अनुमान के अनुसार हमारे देश में लगभग 80 प्रतिशत जल संसाधन का उपयोग कृषि कार्यों के लिए किया जाता है. इसलिए जल संरक्षण के लिए सिंचाई में पानी का उचित उपयोग और प्रबंधन बहुत जरूरी है. इस क्षेत्र में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एक प्रमुख पहल है.