“लावारिस कुत्तों से निजात दिलाने में कारगर साबित हो रहा प्रोजेक्ट भैरव,नसबंदी और वैक्सीनशन हो रहा एक साथ” ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

by Sachin Singh Rathore
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  • ओमीक्रॉन 2 के 10 कुत्तों की नसबंदी व वैक्सीनेशन कर छोड़ा
  • 64 और कुत्तों की नसबंदी के लिए निवासियों ने जमा कराए पैसे
  • नसबंदी के बाद पहचान के लिए कुत्ते के गले पहनाया जाएगा पट्टा

 

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में लावारिस कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने और निवासियों को परेशानी को दूर करने के लिए प्राधिकरण का “प्रोजेक्ट भैरव” बहुत कारगार साबित हो रहा है। 10 कुत्तों की नसबंदी व वैक्सीनेशन के लिए सबसे पहले सेक्टर ओमीक्रॉन टू की आरडब्ल्यूए ने 250 रुपये प्रति कुत्ते के हिसाब से पैसे जमा कराए थे। इन कुत्तों की नसबंदी व वैक्सीनेशन कर छोड़ दिया गया है। उनके गले में नीला व गुलाबी रंग का पट्टा भी डाल दिया जाता है। इसके साथ ही 64 और लावारिस कुत्तों की नसबंदी के लिए अलग-अलग आरडब्ल्यूए की तरफ से पैसे जमा कराए गए हैं।

दरअसल, लावारिस कुत्तों से निजात दिलाने के लिए बीते 24 फरवरी से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कुत्तों की नसंबदी व वैक्सीनेशन की शुरुआत की। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसे “प्रोजेक्ट भैरव” नाम दिया है। इसके तहत लावारिस कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन कर पांच दिन कैनल्स में रखकर उनकी देखभाल करने के बाद उसी जगह वापस छोड़ दिया जाता है। ह्यूमन वेलफेयर नाम की संस्था को यह जिम्मेदारी दी गई है। यही संस्था कुत्तों को पकड़कर लाती है। उनकी नसबंदी व वैक्सीनेशन करने के बाद वापस उसी जगह छोड़ती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा के सेक्टर स्वर्णनगरी में लावारिस कुत्तों का नसबंदी केंद्र शुरू किया गया है। सबसे पहले ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमीक्रॉन टू के निवासियों ने अपने यहां के 10 लावारिस कुत्तों की नसबंदी व वैक्सीनेशन कराने के लिए पैसे जमा कराए थे। यहां की एसोसिएशन ने 250 रुपये प्रति कुत्ते के हिसाब से 2500 रुपये जमा कराए हैं। उन कुत्तों की नसबंदी व वैक्सीनेशन कर वापस छोड़ दिया गया है। नसबंदी व वैक्सीनेशन के बाद कुत्ते के गले में नीले व गुलाबी रंग का पट्टा पहनाया जाएगा। साथ ही कान पर कट भी लगा दिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक सलिल यादव ने बताया कि जिस भी सेक्टर या सोसाइटी की आरडब्ल्यूए को अपने यहां के कुत्तों की नसबंदी करानी है, वे प्रति कुत्ते के हिसाब से 250 रुपये संस्था के खाते में जमा करा सकते हैं। संस्था के प्रतिनिधि कुत्तों को पकड़कर लाएंगे। उनकी नसबंदी करेंगे और फिर उनको वहीं पर छोड़ आएंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के ऐनीमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) रूल के अनुसार जिस कुत्ते को जहां से पकड़ा जाएगा, नसबंदी के बाद उसे वहीं छोड़ना होगा।

सलिल यादव ने बताया कि यह सिर्फ स्टरलाइजेशन सेंटर है। यहां पर कुत्तों की नसंबदी की जाएगी। इस सेंटर में 53 कैनल्स बनाए गए हैं, जिसमें नसबंदी के बाद पांच दिन के लिए कुत्तों को रखा जाएगा। उनको एंटी रेबीज इंजेक्शन भी लगाया जाएगा। उसके बाद उन्हें जहां से लाया गया था, वहीं पर वापस छोड़ दिया जाएगा। जिस सेक्टर या सोसाइटी की आरडब्ल्यूए का पैसा पहले जमा होगा, वहां के कुत्तों की नसबंदी पहले की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस सेंटर में ऑपरेशन रूम व वेटिंग एरिया भी बनाया गया है। सेंटर में कुत्तों की देखरेख के लिए 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे। ऑपरेशन रूम में एसी, फ्रिज व पीने के पानी के लिए आरओ की व्यवस्था की गई है।

 

कुत्तों की नसबंदी के लिए इस नंबर पर करें कॉल

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कुत्तों की नसबंदी कराने के लिए मोबाइल नंबर-7838565456 जारी किया है। साथ ही ग्रेटर नोएडा एबीसी हेल्पलाइन नंबर 8005867769 पर कॉल करके नसबंदी कराने की सूचना दी जा सकती है।

 

इस खाते में जमा कराएं पैसे

सेक्टरवासी या सोसाइटी के निवासी ह्यूमेन वेलफेयर सोसाइटी के बैंक खाते (संख्या -677601700827, आईएफएसी कोड-आईसीआईसी 0006776, आईसीआईसीआईबैंक) में प्रति कुत्ते के हिसाब से 250 रुपये जमा करा दें। संस्था की टीम मौके पर जाकर कुत्तों को पकड़कर लाएगी। उनकी नसबंदी के बाद वापस छोड़ दी जाएगी।

250 रुपये देना इसलिए है जरूरी 

वरिष्ठ प्रबंधक सलिल यादव ने कहा कि एक कुत्ते की नसबंदी व वैक्सीनेशन पर 1000 रुपये खर्च हो रहे हैं। प्राधिकरण यहां के निवसियों से प्रति कुत्ते के हिसाब से सिर्फ 250 रुपये ही ले रहा है। बाकी 750 रुपये प्राधिकरण ही वहन कर रहा है। यह पैसा प्राधिकरण अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए नहीं ले रहा, बल्कि इसलिए ले रहा है, ताकि यहां के निवासी इस मुहिम से खुद भी जुड़ें। लावारिस कुत्तों की खुद से निगरानी करें।

 

हार्मोनियल लिविंग के लिए घरेलू जानवरों की देखभाल भी जरूरी 

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा कि हारमोनियम लिविंग (सामंजस्य पूर्ण जीवन) में घरेलू जानवरों जैसे कुत्ते, बिल्ली, गाय, मोर आदि का भी होना जरूरी है। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी इनका वर्णन है। हमें इनकी देखभाल करनी चाहिए। सीईओ ने ग्रेटर नोएडावासियों से लावारिस कुत्तों की नसबंदी कराने के लिए आगे आने की अपील की है। सीईओ ने इस मुहिम में सहयोग के लिए स्मार्ट सैंचुरी की फाउंडर कावेरी राणा की भी सराहना की।

 

ओमीक्रॉन 2 की आरडब्ल्यूए ने की सराहना 

सबसे पहले अपने यहां के लावारिस कुत्तों की नसबंदी कराने वाले सेक्टर ओमीक्रॉन टू की आरडब्ल्यूए ने प्राधिकरण के प्रोजेक्ट भैरव की सराहना की। आरडब्ल्यूए ने सीईओ नरेंद्र भूषण, वरिष्ठ प्रबंधक सलिल यादव व प्रबंधक वैभव नागर व ह्यूमेन वेलफेयर संस्था के प्रति आभार जताया और अन्य सेक्टरों की आरडब्ल्यूए को भी इस मुहिम से जुड़ने की अपील की।

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