पंजाब कांग्रेस में भले ही इलेक्टोरल फाइट विपक्षियों के साथ हो लेकिन अंदरूनी लडाई पंजाब कांग्रेस के नेताओं के बीच लम्बे समय से चल रही है. इस लड़ाई में आज नई एंट्री सिद्धधू की बेटी राबिया की हुई है.
राबिया ने अपने पिता को कांग्रेस द्वारा सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट ना किए जानें पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधा है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राबिया ने कहा कि हाईकमान तो हाईकमान है उन्होंने जो फैसला लिया उनकी भी कुछ मजबूरियां रही होगी. साथ ही उन्होंने कहा ईमानदार व्यक्ति को कोई काफी देर तक रोक नहीं सकता और जो बंदा बेईमान होता है उसे रुकना ही पड़ता है.
इसके अलावा राबिया सिद्धू ने अमृतसर पूर्व से सिद्धू के प्रतिद्वंदी अकाली दल के नेता पर कहा कि आपको तय करना है कि आप पंजाब को ड्रग्स के रास्ते में ले जाना चाहते हैं या तरक्की के रास्ते पर.
सिद्धू के सामने मजीठिया मैदान में
एक तरफ सिद्धू पार्टी में बग़ावती तेवरों की वजह से पार्टी नेताओं के निशाने में रहते हैं दूसरी तरफ अकाली दल ने उनके खिलाफ विक्रम सिंह मजीठिया को चुनावी मैदान में उतार दिया है. नवजोत सिंह को सिद्धू कांग्रेस पार्टी ने एक बार फ़िर अमृतसर पूर्व से अपना प्रत्याशी बनाया है.
सिद्धू के नाम के ऐलान के साथ ही अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने हेवीवेट कैंडिडेट उतारने का फैसला किया था. चुनावी विश्लेषकों की मानें तो सिद्धू के खिलाफ माहौल बनाने में अकाली दल पूरा ज़ोर लगा रहा है. ऐसे में अमृतसर पूर्व से चुनाव लड़ना काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है.
पंजाब में कांग्रेस बनाम कांग्रेस
पंजाब में सीएम चन्नी के नाम को लेकर आपत्ति गाहे बगाहे सामन आ ही जाती है. कांग्रेस नेताओं को चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर इतनी नाराज़गी है कि अपनी हर रैली में आलाकमान और चन्नी को ही कोसते नज़र आते हैं.
बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पंजाब में कांग्रेस के लिए सिद्धू के नाम ऐलान घातक साबित हो सकता था. जिस प्रकार अमरिंदर सिंह के साढ़े चार साल सीएम रहने के बाद चन्नी ने सत्ता संभाली वो कांग्रेस के लिए संकटमोचक से कम नहीं हैं. चाहे वो प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक का मामला हो या कांग्रेस की अंतर्कलह को संभालने का मामला हो.
लेखक: गौरव मिश्र