राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य का आम बजट 2022-23 पेश किया। राजस्थान विधानसभा में राज्य का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के कर्मचारियों के हितों का खास ध्यान रखते हुए कई बड़े ऐलान किए। अशोक गहलोत ने बजट में राज्य के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए पुरानी पेंशन योजना को अगले साल से दोबारा शुरू करने का ऐलान किया। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 1 जनवरी, 2004 के बाद से जितने भी कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है, उन सभी को पुरानी पेंशन योजना के तहत लाभ मिलेगा।
साल 2017 में पेंशन के लिए वेतन में कटौती का हुआ था ऐलान
इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में कर्मचारियों की पेंशन के लिए वेतन कटौती के पुराने फैसले को भी वापस लेने की घोषणा की है। बता दें कि राजस्थान सरकार ने साल 2017 में कर्मचारियों की पेंशन के लिए वेतन में कटौती का ऐलान किया था, जिसे आज मुख्यमंत्री ने वापस लेने का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि इस फैसले से राजस्थान सरकार पर 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी खुशखबरी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, ”ये बात हम सभी जानते हैं कि सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी अपने और अपने परिवार के भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करेंगे, तभी वे अपने सेवाकाल के दौरान सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। इसलिए, 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त किए गए सभी कार्मिकों के लिए मैं अगले साल से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं।”
हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं।अतः 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 23, 2022
पुरानी पेंशन योजना के तहत मिलने वाले फायदे
- राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को जीपीएफ की सुविधा मिलती है।
- कर्मचारियों की पेंशन के लिए वेतन से कई कटौती नहीं होती।
- कर्मचारी को रिटायरमेंट पर आखिरी वेतन का 50 फीसदी गारंटीड पेंशन।
- पुरानी योजना के तहत कर्मचारी को पूरी पेंशन सरकार खुद देती है।
- कर्मचारी की रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी में आखिरी सैलरी के आधार पर 16.5 महीनों के पैसे दिए जाते हैं।
- सेवाकाल के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर 20 लाख रुपये की डेथ ग्रेच्युटी और परिवार के सदस्य को नौकरी।
- साल में दो बार महंगाई भत्ता और जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा दी जाती है।
- रिटायरमेंट के समय पर जीपीएफ निकासी पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगाया जाता।
- कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद मेडिकल अलाउंस और मेडिकल बिलों का भुगतान शामिल है।
पुरानी पेंशन योजना के लाभ देखते हुए राज्य के कर्मचारी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किए गए ऐलान से काफी खुश दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा किए गए ट्वीट पर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं, जिससे आसानी से समझा जा सकता है कि पुरानी पेंशन योजना, नई पेंशन योजना की तुलना में बेहतर है।