महंगाई ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, मई में खुदरा महंगाई दर 6.3% पहुंची

by Sachin Singh Rathore
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कोरोना के कारण मई में 12.94% के सर्वोच्च स्तर पर थोक महंगाई दर पहुंच चुकी है लेकिन इसका खजाने पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

कोरोना महामारी के कारण उत्पादन और आपूर्ति में बाधा, महंगा कच्चा माल, पेट्रोल डीज़ल की बढ़ती कीमतों और वैश्विक बाजार में महंगी होती कमोडिटी के चलते महंगाई बढ़ी है।
अगर बात करें मई महीने की तो थोक महंगाई दर 12.94 पर पहुंच गई। जिसमें खुदरा महंगाई पर 6.30 फीसद रही जो अब आरबीआई की सीमा से बाहर निकल चुकी है क्योंकि आरबीआई की अधिकतम सीमा छह फीसद ही होती है। बता दें अप्रैल में खुदरा महंगाई 4.23 फीसद थी।

चिंता का विषय यह है कि गांवों में शहर के मुक़ाबले ज्यादा महंगाई है जो पूरे ग्रामीण मांग को प्रभावित करेगी। बता दें मई की ग्रामीण महंगाई दर 6.48 और शहरी दर 6.04 फीसद रही। थोक महंगाई दर बढ़ने का कारण पेट्रोल और डीज़ल बताया जा रहा है।

खाने पीने की चीज़ें हुईं महंगी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मई की खाद्य महंगाई दर 5.01 फीसद पहुँच गई जो अप्रैल में 1.96 फीसद थी। खाद्य वस्तुओं में मुख्य रूप से प्रोटीन युक्त चीज़ें, मास मछली, अंडा, डाल और फल जैसी चीजों पर कीमतें बढ़ी है।

वस्तु बढ़ोतरी (फीसद में)

मांस मछली                              9.03
अंडा                                       15.16
खाद्य तेल और वनस्पति           30.84
फल                                       11.98
दाल                                        9.39
पेय पदार्थ                              15.10
कपड़े और फुटवियर                5.32
ट्रांस्पोर्टेशन                            12.38

सरकारी खजाने पर नहीं पड़ेगा असर

कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद अप्रैल मई के दौरान सरकार के राजस्व पर ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा। एसबीआई के मुताबिक, जीएसटी कलेक्शन पर दूसरी लहर का ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि पेट्रोल डीज़ल की बढ़ती कीमतों के चलते बड़े स्तर पर राजस्व मिलेगा।

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