रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष के मद्देनजर शुक्रवार देर रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में अमेरिका और अल्बेनिया द्वारा एक प्रस्ताव पेश किया गया जिसपर चर्चा हुई और बाद में वोटिंग भी करवाई गई.
प्रस्ताव के मसौदे के अनुसार रूस द्वारा यूक्रेन में आक्रामकता की निंदा की गई और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति चिंता जाहिर की गई. इसके अलावा यूएनएससी में पेश प्रस्ताव के तहत रूस को यूक्रेन में ताकत के इस्तेमाल पर रोक लगाने और बिना शर्त सेना के वापसी सुनिश्चित करने की अपील की गई.
यूएनएससी के प्रस्ताव पर रूस का वीटो
यूएनएससी में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर रूस ने अंतिम विकल्प के तौर पर वीटो को चुना. रूस के वीटो का इस्तेमाल करने के बाद पेश प्रस्ताव को पास नहीं कराया जा सका.
गौरतलब है यूएनएससी में 15 देश सदस्य हैं और 5 स्थाई सदस्य वाले देशों के पास वीटो इस्तेमाल करने की शक्ति हैं.वीटो रखने वाले देशों में रूस के अलावा अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन भी शामिल हैं.
आज की बैठक में 15 में से 11 सदस्यों ने वोटिंग में भाग लिया. भारत, चीन और यूएई ने वोटिंग में भाग ना लेने का फैंसला किया.
भारत ने निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से भले ही परहेज किया हो लेकिन यूएनएससी में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने रूस का बिना नाम लिए सैन्य कार्यवाही की कड़ी निन्दा की है. टीएस तिरुमूर्ति ने कहा यूक्रेन में जो माहौल है उससे भारत बहुत ही परेशान है. वह आग्रह करता है युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा जान की कीमत पर कोई भी हल नहीं निकाला जा सकता है.
हम यूक्रेन में भारत के बच्चों को लेकर भी बहुत चिंतित है. संवाद ही एक ज़रिया है जिसके ज़रिए मतभेद और विवाद को सुलझाया सकता है. इससे देशों की संप्रभुता की रक्षा भी हो सकेगी.
लेखक: गौरव जी