सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एसआईटी जांच की निगरानी कर रहे एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की दो रिपोर्टों पर 4 अप्रैल तक जवाब देने का निर्देश दिया, जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की ज़मानत रद्द करने की मांग की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि मोनिटरिंग जज ने मामले के संबंध में आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दी गई ज़मानत को रद्द करने के लिए राज्य को पत्र लिखा था।
बेंच में शामिल जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, “एसआईटी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को मोनिटरिंग जज द्वारा दो पत्र भेजे गए हैं, जिन्होंने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की ज़मानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने के लिए राज्य को लिखा था।