लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल पर तलवार लटकती दिख रही है। दरसल, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में बुधवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। कोर्ट ने एसआईटी जांच की निगरानी कर रहे जज की रिपोर्ट पर उतर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट देखकर कहा है कि निगरानी जज ने राज्य सरकार को आशीष मिश्रा की जमानत रद कराने को अपील दाखिल कराने के लिए पत्र लिखा था। सरकार इस पर सोमवार तक जवाब दे। आशीष मिश्रा की बेल कैंसिल करने को दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को सुनवाई का फैसला लिया है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की बेल कैंसिल न किए जाने पर यूपी सरकार को खरी-खोटी भी सुनाई। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने यूपी सरकार के वकील से कहा, ‘लखीमपुर केस की जांच कर रहे जज ने बेल को कैंसिल करने की सिफारिश की थी। इसके बाद भी ऐसा क्यों नहीं किया गया।’ मृतक किसानों के परिजनों के वकील दुष्यंत दवे ने कहा, ‘मंत्री अजय मिश्रा बेहद प्रभावशाली हैं।’ सीजेआई ने कहा कि एसआईटी ने यूपी के मुख्य गृह सचिव को चिट्ठी लिखकर बेल कैंसिल करने की सिफारिश की थी। मामले की मॉनिटरिंग करने वाले जज ने भी ऐसी ही बात कही थी। इस पर यूपी सरकार के वकील ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मैंने उस रिपोर्ट को देखा नहीं है।
बता दें कि SIT की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने आशीष मिश्रा की जमानत रद करने की याचिका करने की सिफारिश की है।