महाराष्ट्र में शिवसैनिकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया है। एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायक 58 वर्षीय तानाजी शिंदे के कार्यालय में तोड़फोड़ हुई है। साथ ही उनके कारोबार को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने घटना का वीडियो जारी है, जिसमें शिव सैनिक ऑफिस में बुरी तरह से तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं।
शिवसेना नेता संजय मोरे ने सीधे धमकी देते हुए कहा, “हमारी पार्टी के कार्यकर्ता ने तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की। प्रमुख उद्धव ठाकरे को परेशान करने वाले सभी देशद्रोही और बागी विधायकों को इस प्रकार की कार्रवाई का सामना करना होगा। उनके कार्यालय पर भी हमला होगा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”
#WATCH | Shiv Sena workers vandalise office of the party's MLA Tanaji Sawant in Balaji area of Katraj, Pune. Sawant is one of the rebel MLAs from the state and is currently camping in Guwahati, Assam. #MaharashtraPoliticalCrisis pic.twitter.com/LXRSLPxYJC
— ANI (@ANI) June 25, 2022
लोगों का धैर्य कमजोर होता जा रहा: संजय राउत
वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने 38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा वापस लेने पर धमकी भरा बयान दिया। उन्होंने एकनाथ शिंदे के पत्र पर जवाब देते हुए कहा, “आप विधायक हैं, इसलिए आपको सुरक्षा दी गई है। आपके परिवार के सदस्यों को समान सुरक्षा नहीं दी जा सकती है।”
संजय राउत ने कहा, “महाराष्ट्र के बाहर आप चील हैं। लेकिन लोगों का धैर्य कमजोर होता जा रहा है। अभी शिव सैनिक सड़कों पर नहीं उतरे हैं। ऐसा हुआ तो सड़कों पर आग लग जाएगी।”
राउत ने भाजपा नेताओं की ओर से इशारा करते हुए कहा कि बकरे की तरह खून करना बंद करो। वहीं, विधायकों की संख्या को लेकर उन्होंने कहा, “कल रात शरद पवार की मौजूदगी में बैठक के दौरान हमें 10 (बागी) विधायकों का फोन आया था। सदन के पटल पर आओ, यहां पता चलेगा कि कौन है मजबूत है।”
तोड़फोड़ की घटनाओं के बीच पुलिस अलर्ट
पुणे पुलिस के पीआरओ ने कहा कि तानाजी सावंत के कार्यालय में राजनीतिक संकट और तोड़फोड़ के बीच पुणे पुलिस ने अलर्ट जारी किया और सभी पुलिस स्टेशनों को शहर में शिवसेना नेताओं से संबंधित कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। वहीं, मुंबई पुलिस ने भी हाई अलर्ट जारी किया है और सभी पुलिस थानों से शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। यह निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिसकर्मी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करेंगे।