म्यांमार की अस्थिरता का अडानी पर असर, स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने सूची से हटाई कंपनी

एसएंडपी (स्टैंडर्ड एंड पुअर्स) और डाओ जोन्स स्थिरता सूचकांक में कहा है ने घोषणा की है कि उन्होंने भारत की कंपनी ‘अडानी पोर्ट्स’ और ‘स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन’ को अपनी सस्टेनेबिलिटी सूची से हटा दिया है।

मंगलवार को जारी किए गए एक बयान में एसएंडपी डाओ जोन्स ने कहा है कि इस कंपनी के व्यापारिक संबंध म्यांमार के सैन्य शासन से है जिस पर हाल ही में मानवाधिकारों के हनन के आरोप लगाए जा रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि इसी साल एक फ़रवरी को म्यांमार की सेना ने वहाँ की गणतंत्र से चुनी सरकार का तख़्तापलट कर आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिए। इस तख़्तापलट का म्यांमार की जनता व्यापक विरोध कर रही है। इस दौरान सेना और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़पें होती रही हैं और सेना ने भारी संख्या में लोगों की हत्या की है।
बता दें कि भारत का सबसे बड़ा निजी मल्टी-पोर्ट ऑपरेटर,अडानी पोर्ट्स म्यांमार के यंगून शहर में 29 करोड़ डॉलर की लागत से एक बंदरगाह का निर्माण कर रहा है। इसके लिए उसे म्यांमार की सेना का समर्थन प्राप्त है जिसके चलते म्यांमार आर्थिक निगम पट्टे पर ज़मीन ली गई है।
घोषणा की गई है कि गुरुवार, 15 अप्रैल को सूचकांक खुलने से पहले इस कंपनी का नाम सूचकांक से हटा दिया जाएगा।
बयान में कहा गया है, “हाल के दिनों में आई ख़बरों में इस ओर इशारा किया गया था कि म्यांमार सेना के साथ व्यापारिक संबंधों के कारण कंपनी के लिए जोखिम बढ़ सकता है। म्यांमार सेना पर अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के तहत कथित रूप से मानवाधिकारों के हनन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मुद्दे पर किए गए विश्लेषण के बाद अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन को डाओ जोन्स स्थिरता सूचकांक से बाहर करने का फ़ैसला किया गया है।”

क्या है एसएंडपी?

‘भारत ने निफ्टी सूचकांक की तरह एसएंडपी भी एक तरह का जानामाना शेयर बाज़ार सूचकांक है जो अमेरिका में स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध 500 बड़ी कंपनियों के शेयर बाज़ार में प्रदर्शन को आंकता है।’ इसी तरह डाओ जोन्स शेयर बाज़ार में 30 सबसे बड़ी अमेरिकी कंपनियों के प्रदर्शन को आँकता है।
माना जा रहा है कि इस क़दम का असर भविष्य में कंपनी के शेयर्स पर पड़ सकता है।

Credit- investopedia

म्यांमार के विरोध प्रदर्शन सैन्य शासन के ख़िलाफ़ तेज़ी से बढ़ रहे हैं। सेना भी लगातार प्रदर्शकारियों पर हमले कर रही है और झड़पों में भारी संख्या में लोग मारे जा रहे हैं। अब तक 700 से अधिक लोगों के मारे जाने की ख़बर है।
इससे पहले मार्च में म्यांमार सेना और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को लेकर 37 आंदोलनकारी संस्थाओं से मिली शिकायतों के बाद एसएंडपी ग्लोबल इस बात पर सहमत हो गया था कि वो डाओ जोन्स स्थिरता सूचकांक में अडानी पोर्ट्स की स्थिति पर दोबारा विचार करेगा और अब अंततः उसने इस कंपनी को हटाने का फ़ैसला ले लिया है।
MLP DESK

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