केरल सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद के बीच जंग जारी, राज्यपाल के खिलाफ सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट

 राज्य सरकार का आरोप है कि राज्यपाल खान के हस्तक्षेप ने कई विश्वविद्यालयों के कामकाज को प्रभावित किया है.  

by Sachin Singh Rathore
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केरल की पिनाराई विजयन सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच तनातनी थमने का नाम नहीं ले रहा है.  अब केरल सरकार राज्यपाल के खिलाफ सुप्रिम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. दरअसल सरकार का आरोप है कि उसके कामकाज में राज्यपाल बहुतायत ज्यादा हस्तक्षेप करते हैं और उसके सुचारू रूप से चलने में मदद नहीं करने हैं.

राज्य सरकार का कहना है कि राज्यपाल खान के हस्तक्षेप ने कई विश्वविद्यालयों के कामकाज को प्रभावित किया है और कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर हस्ताक्षर करने में उनकी देरी से प्रशासनिक कामकाज में रुकावट आई है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में किन-किन मुद्दों को सामने रखने वाली है.

राज्यपाल ने नहीं किए हस्ताक्षर

इससे पहले अगस्त में सरकार द्वारा लाए गए 11 अध्यादेशों पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर कर दिया था. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार ने बाद में उन विधेयकों को पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था जिसके लिए राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किए थे.

दो विधेयक पर राज्यपाल की रोक जारी 

जिसके बाद राज्यपाल ने अधिकांश विधेयकों पर हस्ताक्षर किए, लेकिन फिर भी दो पर रोक जारी रखी. इन दो विधेयकों में एक लोकायुक्त की शक्तियों को कम करने के लिए था और दूसरा विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में राज्यपाल की शक्तियों को कम करने के लिए.

15 नवंबर को राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन

राज्य सरकार के अधिकारी ने बताया कि सरकार अन्य विपक्षी शासित राज्यों से भी संपर्क करने की योजना बना रही है, जो संबंधित राज्यपालों के साथ हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हम इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की योजना बना रहे हैं.”  सरकार 15 नवंबर को राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन की भी योजना भी बना रही है.

सरकार पर राज्यपाल ने लगाए गंभीर आरोप

राज्यपाल खान ने अक्टूबर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उन्हें उस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की विदेश यात्रा के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी। पत्र में कहा गया कि उन्हें इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है कि विजयन की अनुपस्थिति के दौरान सरकार के प्रबंधन का काम किसे सौंपा गया था. हाल में ही राज्यपाल ने सीएम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका कार्यालय राज्य में तस्करी गतिविधियों को संरक्षण दे रहा है.

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