पूरे भारत में एकलौती महिला फांसी घर में पहली बार किसी महिला को फांसी दी जाने की तैयारी की जा रही है। यह फांसी घर 1850 में उत्तर प्रदेश के मथुरा में बना था। लेकिन अभी तक इसमें किसी भी महिला को फांसी नही दी गई है। अब पहली बार इस फांसी घर में महिला को फांसी दी जा रही है। इस महिला ने 12 साल पहले एक ऐसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था। जिसको सुनकर हर व्यक्ति के पैरों तले से जमीन खिसक गई थी।
आज से करीब 12 साल पहले 15 अप्रैल 2008 की रात को उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव में रहने वाली 25 साल की शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पिता समेत परिवार के 7 लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। अपने परिवार की हत्या करने के बाद शबनम ने झूठी कहानी रची थी कि लुटेरों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। लकिन पुलिस को शबनम में आशंका हुई थी। क्योंकि घर में सिर्फ शबनम ही बची थी। पुलिस ने काफी गंभीरता से मामले की जांच की थी। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में सनसनीखेज खुलासा किया था।
पुलिस के खुलासे के बाद पूरे देश के लोग इस वारदात से हैरान हो गए थे। खुलासे में पता चला कि बेटी ने ही अपने प्रेमी से साथ मिलकर अपने पिता समेत पूरे परिवार की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या की थी। जिसमें शबनम के पिता, शबनम की मां, शबनम का भाई, शबनम की भाभी, शबनम की बहन और शबनम का 10 महीने का भतीजा समेत परिवार के 7 लोग थे।
शबनम के पेट में था 4 महीने का बच्चा –
जिस समय शबनम ने अपने आशिक के साथ मिलकर अपने परिवार की बेरहमी से हत्या की थी। उस समय शबनम के पेट में उसके प्रेमी का 4 महीने का बच्चा पल रहा था। शबनम और सलीम के बीच अवैध संबंध थे। अब शबनम ने अपना बच्चा अपनी सहेली को दे दिया है। जो इस समय 11 साल का है। शबनम की सहेली उसके बच्चे की काफी अच्छी तरीके से परवरिश कर रही है। हालांकि उसको इस घटना के बारे में कुछ भी पता नही है।
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