पैरालिंपिक में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है। प्रवीण कुमार ने पुरुषों के टी-64 के हाईजंप में नया एशियन रिकॉर्ड के साथ सिल्वर मेडल जीते।
बता दें भारत का यह 11वां मेडल है। वहीं दूसरी तरफ कैनो स्प्रिंट में प्राची यादव और 50 मीटर एयर राइफल में अवनि लेखरा फाइनल में पहुंच गई हैं।
अगर बात करें बैडमिंटन की तो मिक्सड डब्ल्स में पलक कोहली और प्रमोद भगत सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। तो वहीं, पुरुष सिंगल्स के एसएल-4 मुकाबले में सुहास एल यथिराज भी अगले दौर में पहुंच गए हैं। तीरंदाजी में पुरुषों की रिकर्व ओपन एलिमिनेशन में भारत के तीरंदाज हरविंदर सिंह अगले दौर में पहुंच गए हैं।
बचपन से प्रवीण का एक पैर छोटा
सामान्य व्यक्ति की तुलना में प्रवीण का एक पैर छोटा है लेकिन उन्होंने अपनी इसी कमजोरी को ताकत बनाया और अलग-अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हुए पैरालिंपिक के मंच तक पहुंचे। प्रवीण एक इंटरव्यू में बता चुके हैं कि वह स्कूल में वॉलीबॉल खेलते थे और उनकी जंप अच्छी थी। एक बार उन्होंने हाईजंप में भाग लिया और उसके बाद एथलेटिक्स कोच सत्यपाल ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में जाकर अभ्यास करने का सुझाव दिया। उसके बाद वे जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में अभ्यास करने लगे।
आपको याद दिला दें कि प्रवीण कुमार मूलरूप से गौतम बुद्ध नगर में स्थित एक छोटे से गांव गोविंदगढ़ के रहने वाले है। प्रवीण कुमार की उम्र सिर्फ 18 साल है। उनका जंद15 मई 2003 में हुआ था। प्रवीण कुमार ने साल 2019 में ही अंतरराष्ट्रीय खेलों में अपना पर्दापण किया और अब दो साल के भीतर ही उनके नाम ओलंपिक का सिल्वर मेडल है।
ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने से पहले प्रवीण कुमार ने साल 2019 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी धमाल मचाया था। प्रवीण कुमार का एक पैर सामान्य रूप से छोटा है। उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में कोच सत्यपाल सिंह की अगुवाई में प्रवीण कुमार ने लगातार ट्रेनिंग ली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवीण कुमार को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि पैरालंपिक में रजत पदक जीतने पर प्रवीण कुमार पर गर्व है। यह पदक उनकी कड़ी मेहनत और अद्वितीय समर्पण का परिणाम है। उसे बधाई। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।