चीनी विदेश मंत्री वांग यी के भारत का दौरा करने के बाद, यूजीसी और एआईसीटीई ने भारतीय छात्रों और उनके माता-पिता को चीन में प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश नहीं लेने की चेतावनी दी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की चेतावनी, जो चीनी शैक्षणिक संस्थानों के संबंध में पहली चेतावनी है, मौजूदा नियमों को लागू करती है कि यूजीसी और एआईसीटीई दोनों “अप्रूवल के बिना केवल ऑनलाइन मोड में आयोजित ऐसे डिग्री के पाठ्यक्रमों को मान्यता नहीं देंगे।”
यूजीसी ने कहा, “चीन के कुछ विश्वविद्यालयों ने वर्तमान और आगामी शैक्षणिक वर्षों के लिए विभिन्न डिग्री कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, चीन ने कोविड -19 के मद्देनज़र सख्त यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं और नवंबर 2020 से सभी वीज़ा को निलंबित कर दिया है।”
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अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के सदस्य सचिव ने कहा, ‘इन प्रतिबंधों के कारण बड़ी संख्या में भारतीय छात्र अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए चीन नहीं लौट पाए हैं। अभी तक पाबंदियों में कोई ढील नहीं दी गई है। आगे, चीनी अधिकारियों ने पहले ही बता दिया है कि पाठ्यक्रम ऑनलाइन संचालित किए जाएंगे।”
मौजूदा नियमों के अनुसार, यूजीसी और एआईसीटीई केवल ऑनलाइन मोड में संचालित ऐसे डिग्री पाठ्यक्रमों को प्रायर अप्रूवल के बिना मान्यता नहीं देते हैं।
यूजीसी ने कहा, ‘उपरोक्त के मद्देनज़र, छात्रों को सलाह दी जाती है कि रोज़गार या हायर एडुकेशन में आगे आने वाली समस्याओं से बचने के लिए इंस्टिट्यूशन के चुनाव में उचित परिश्रम करें।’
AICTE ने पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान जाने वाले छात्रों को चेतावनी जारी की थी। उस चेतावनी में, एआईसीटीई ने कहा था कि भारतीय नागरिकों और प्रवासी भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने से पहले एआईसीटीई से NOC प्राप्त करना होगा।