संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन सभी मूल्यांकन क्षेत्रों में “लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य” को प्रभावित कर रहा है। इसी कड़ी में उसने भारत को चेताया है। रिपोर्ट के माध्यम से कहा गया है कि भारत में लोगों के बीच असामनता बढ़ रही है जिससे पर्यावरण प्रभावित होगा और सी लेवल भी एक बड़ा ख़तरा बन सकता है।
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के विश्वभर के वैज्ञानिकों के विशेषज्ञ पैनल की रिपोर्ट प्रकृति और लोगों को व्यापक स्तर पर होने वाले प्रभावों और उससे संबंधित नुक़सान व क्षति के बारे में चेतावनी देती है।
यह रिपोर्ट असमानता के मुद्दों और “उपनिवेशवाद” की भूमिका पर भी प्रकाश डालती है जिसने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए विकासशील देशों की क्षमता को बाधित किया है।
इससे संबंधित दूसरी कार्य समूह की रिपोर्ट – जो प्रभावों, अनुकूलन और भेद्यता(impacts, adaptation and vulnerability) पर केंद्रित है – आईपीसीसी की आगामी छठी मूल्यांकन रिपोर्ट (एआर -6) का हिस्सा है जो जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों का व्यापक स्तर पर विश्लेषण देगी।