विधानसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार शनिवार शाम को खत्म हो जाएगा। इस चरण में राजनीति के कई दिग्गजों समेत योगी सरकार के छह मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत पूर्वांचल के 10 जिलों की 54 सीटों पर जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी और इसके साथ की कई प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी। अंतिम दौर में सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है।
सातवें चरण में आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मीरजापुर, सोनभद्र और भदोही जिलों में मतदान होना है। इन जिलों की 54 सीटों पर कुल 613 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जिनके भाग्य का फैसला 2.06 करोड़ मतदाता करेंगे। पिछले चुनाव में इन 54 सीटों में से भाजपा ने 29, सपा ने 11, बसपा ने छह, अपना दल (एस) ने चार, सुभासपा ने तीन और निषाद पार्टी ने एक सीट जीती थी।
इस चरण में सियासत के कई धुरंधरों की किस्मत का भी फैसला होगा। योगी सरकार के सात मंत्रियों की साख इस चरण में दांव पर है। कैबिनेट मंत्री रहे दारा सिंह चौहान सपा छोड़ भाजपा का दामन थाम चुके हैं। वहीं सातवें चरण के रण में उतरे छह वर्तमान मंत्रियों में एक कैबिनेट, दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और तीन राज्य मंत्री स्तर के हैं। तीन मौजूदा मंत्री तो वाराणसी की विभिन्न सीटों पर फिर चुनाव मैदान में हैं। योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर वाराणसी की शिवपुर सीट से फिर किस्मत आजमा रहे हैं।