संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को कहा वह रूस के बड़े पैमाने पर सैन्य अभियानों के कारण यूक्रेन में तेज़ी से विकसित हो रही स्थिति के बीच भारत और यूएई जैसे अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में है।
एक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए, अमेरिकी विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका के भारत के साथ “बहुत क़रीबी संबंध” हैं और उन्होंने यूक्रेन संघर्ष की बाबत अपनी चिंताओं पर चर्चा की है।
प्राइस ने कहा, “हम अपने भारतीय पार्टनर्स के साथ नियमित संपर्क रखते हैं। हमारे अमीराती पार्टनर्स के साथ भी हमारा नियमित जुड़ाव है। हमारे यूरोपीय सहयोगियों और हमारे यूरोपीय पार्टनर्स के साथ हमारा नियमित जुड़ाव है। इसलिए हर स्तर पर कई मंचों पर हमने इस बारे में चर्चा की है।”
बता दें कि पिछले हफ़्ते भारत द्वारा यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के एक प्रमुख प्रस्ताव से दूरी बनाने के बाद स्टेट डिपार्टमेंट के प्रेस के दौरान भारत पर सवाल पूछा गया था।
हालांकि भारत पिछले शुक्रवार को यूएनएससी वोट से दूर रहा लेकिन उसने यूक्रेन से तत्काल डी-एस्केलेशन की बात को दोहराया और बातचीत के ज़रिए कूटनीतिक हल निकालने की वकालत की।
भारत ने शुक्रवार को रूस की निंदा करते हुए यूएनएससी के प्रस्ताव पर मतदान से यह कहते हुए परहेज़ किया था कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया है।
यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, “यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं।”
तिरुमूर्ति ने कहा था कि मानव जीवन की क़ीमत पर कोई समाधान कभी नहीं निकाला जा सकता है। उन्होंने यूक्रेन में भारतीय समुदाय के कल्याण और सुरक्षा पर भी चिंता व्यक्त की।