तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल नगरपालिका चुनाव में मारी बाजी, विपक्षों का सूपड़ा साफ

by Priya Pandey
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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को नगर निकायों में भी पूरे विपक्षों का सूपड़ा साफ करते हुए राज्य की 108 नगर पालिकाओं में से 102 नगर पालिकाओं को जीतकर बंगाल नगरपालिका चुनाव में जीत हासिल कर ली। आपके बता दें कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा अब तक एक भी नगर पालिका नहीं जीत पाई है।

 

तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी और सांसद शिशिर अधिकारी का ‘गढ़’ मानी जाने वाली कांथी नगरपालिका में जीत हासिल की है। इसी के साथ ही सांसद अर्जुन सिंह के गढ़ मानी जाने वाली भाटपाड़ा नगरपालिका और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का गढ़ मानी जानी वाली बहरमपुर नगरपालिका पर टीएमसी ने जीत हासिल की है, जबकि उत्तर बंगाल की पहाड़ों की राजनीति में नवआगंतुक ‘हमरो पार्टी’ ने तृणमूल कांग्रेस, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और भाजपा को पछाड़ कर दार्जिलिंग नगरपालिका पर कब्जा कर लिया है।

वहीं टीएमसी की जीत पर ममता ने ट्वीट कर लिखा है कि मां-माटी मानुष को धन्यवाद। एक और बड़ी जीत के लिए शुक्रिया। सभी जीतने वाले प्रत्याशियों को बधाई। इस जीत को हमारी जिम्मेदारी बढ़ाने दीजिए। सभी साथ मिलकर शांति के लिए काम करते हैं, राज्य के विकास के लिए काम करते हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने कहा की तृणमूल पहले ही 102 नगरपालिकाओं में जीत दर्ज कर चुकी है वाम मोर्चा और हमरो पार्टी ने एक-एक निकाय में जीत दर्ज की है।  तृणमूल कांग्रेस ने 31 नगरपालिकाओं में सभी वार्डों पर जीत दर्ज कर वहां विपक्ष को शून्य पर पहुंचा दिया है। कम से कम चार नगरपालिकाएं ऐसी हैं जहां पर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। इनमें मुर्शिदाबाद की बेलडांगा, पुरुलिया जिले की झालदा, हुगली जिले की चाम्पदानी और पूर्वी मिदनापुर की इगरा नगरपालिका शामिल हैं और यहां से जीते निर्दलीयों की भूमिका अहम हो गई है। विधानसभा चुनाव के करीब एक साल बाद कराए गए नगर निकाय चुनाव में राज्य के विभिन्न हिस्सों से हिंसा, धांधली और पुलिस से झड़प की खबरें आई थी। भाजपा ने इस चुनाव प्रक्रिया को ‘‘ लोकतंत्र का मजाक’ करार देते हुए हिंसा के खिलाफ सोमवार को 12 घंटे का बंद बुलाया था। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को आधारहीन बताकर खारिज कर दिया। तृणमूल ने कहा कि विपक्षी पार्टियां हार का आभास होने के बाद बहाना तलाश रही हैं।

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