राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं, जिसके लिए जुलाई-अगस्त में चुनाव होने की संभावना है।
हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को इस आशय की बातचीत को खारिज कर दिया, लेकिन मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियां अटकलों को लगातार बल दे रही हैं।
इस विषय पर पूछे जाने पर उन्होंने भागलपुर में पत्रकारों से कहा, “इन सब चिज़ों का हमारे दिमाग में कोई विचार भी नहीं है।”
हालाँकि, नीतीश और पीके दोनों ने इस बात से इनकार किया कि उनकी बातचीत में कुछ भी राजनीतिक था और दावा किया कि उनकी चर्चा एक-दूसरे के स्वास्थ्य के बारे में एक पूछताछ के इर्द-गिर्द ही हुई, जिसपर लोगों को कम ही विश्वास हो रहा है।
बताया जा रहा है कि इसी मुद्दे पर पीके शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, NCP प्रमुख शरद पवार के संपर्क में हैं।
कहा जाता है कि चुनावी रणनीतिकार तमिलनाडु के सीएम एम.के स्टालिन को लूप में लाने के अलावा टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव के संपर्क में भी हैं। बिहार में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रशांत किशोर और के. चंद्रशेखर राव ने अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ कई बैठकें कर नीतीश कुमार के लिए ऐसी संभावना तलाशना शुरू कर दिया है।