लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट की राज्य सरकार को फटकार, कहा ‘आरोपी को गिरफ़्तार न कर क्या संदेश दे रहे हैं?’

by MLP DESK
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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और यूपी सरकार पर कई सवाल उठाए। CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने हत्यारे के प्रति नर्म रवैया अपनाने की बात पर भी राज्य सरकार को घेरे में लिया है।

 

Credit- Bar and Bench

 

CJI ने कहा, “हत्या के मामले में आरोपी से अलग व्यवहार क्यों हो रहा है ? CJI ने कहा कि आरोप हत्या का है। आरोपी के साथ वैसा ही व्यवहार हो  जैसा हम अन्य लोगों  के साथ अन्य मामलों में करते हैं। हम ज़िम्मेदार सरकार और पुलिस की उम्मीद करते हैं। आरोप बहुत गंभीर हैं जिनमें बंदूक की गोली से चोट भी शामिल है।”

 

‘गिरफ़्तारी न कर आप क्या संदेश दे रहे हैं?’

उन्‍होंने आगे पूछा,’आप क्या संदेश भेज रहे हैं? – सामान्य परिस्थितियों में भी पुलिस तुरंत आरोपी को गिरफ़्तार नहीं करेगी? उस तरह से आगे नहीं बढ़ीं, जैसी होनी थी। यह केवल बातें लगती हैं एक्शन नहीं। हमने एसआईटी का विवरण देखा है। आपके पास डीआईजी, SP और अधिकारी हैं। ये सभी स्थानीय लोग हैं।’

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ‘जो भी इसमें शामिल है, उसके ख़िलाफ़ कानून को अपना काम करना चाहिए। ग़ौरतलब है कि मामले में अगली सुनवाई 20 अक्‍टूबर को होगी।

इस बाबत यूपी सरकार की ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा, ‘आपने नोटिस जारी किया था।’ इस पर सीजेआई ने कहा, ‘हमने नोटिस जारी नहीं किया था। हमने स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी’ इस पर साल्वे ने कहा कि सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है।

CJI ने कहा कि मुख्य आरोपी के ख़िलाफ़ बेहद गंभीर मामला है जिसपर साल्वे ने कहा कि हमने उसको फिर से नोटिस जारी कर कल 11 बजे पेश होने को कहा है। अगर वो पेश नहीं होता है तो कानून अपना काम करेगा।

 

हम राज्य सरकार की जाँच से संतुष्ट नहीं

सुनवाई के दौरान SC ने  दो टूक लहज़े में कहा कि  ‘हम यूपी सरकार की जांच से संतुष्‍ट नहीं हैं। राज्‍य सरकार को क़दम उठाने होंगे।’

CJI ने कहा, ‘हम ज़िम्मेदार सरकार और ज़िम्मेदार पुलिस देखना चाहते हैं। सभी मामलों के आरोपियों के साथ एक तरह का ही व्यवहार होना चाहिए। अभियुक्त जो भी हो, कानून को अपना काम करना चाहिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए हम फ़िलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। सीबीआई जांच भी कोई सटीक उपाय नहीं है,आप जानते हैं कि क्‍यों?’

सरकार की ओर से पेश हुए साल्वे ने कहा कि पोस्टमॉर्टम में गोली के घाव नहीं मिले। जिस तरह से कार चलाई गई, आरोप सही लगते हैं। यह शायद हत्या मामला है। इस पर जस्टिस हिमा कोहली ने कहा- शायद? साल्वे ने कहा, ‘मैंने शायद इसलिए कहा क्योंकि मैं नहीं चाहता कि आरोपी कल ये कहे कि मैंने उसके सामने आने से पहले ही अपना मन बना लिया था। सबूत मजबूत है। अगर सबूत सही है तो ये धारा 302 हत्या का मामला है।’

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की बाबत यूपी सरकार से एक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था किस मामले में अब तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं? और कुल कितने आरोपी हैं? कोर्ट ने इन सभी सवालों के जवाब शुक्रवार को रिपोर्ट में दाखिल करने के लिए कहे हैं।

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