राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, पूछा कहाँ गए 23 लाख करोड़ रुपये

by MLP DESK
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बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि गैस, डीज़ल और पेट्रोल से कमाए गए 23 लाख करोड़ रुपयों का उसने क्या किया।

 

 

इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई तो इससे भारत सरकार में आ सकती है।

उन्होंने कहा कि गैस, डीज़ल और पेट्रोल ऐसी चीज़ें हैं जो अर्थव्यवस्था को हर तरह से प्रभावित करती हैं और जब इनके दाम बढ़ते हैं तो इसका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष असर पड़ता ही है।

राहुल गांधी ने कहा, “जब पेट्रोल, डीज़ल और गैस के दाम बढ़ते हैं तो उन लोगों पर सीधी चोट लगती है जो गाड़ी, स्कूटर, या ट्रक में डीज़ल, पेट्रोल डालता है तो उसे सीधी चोट लगती है। और जब डीज़ल, पेट्रोल के दाम बढ़ते हैं तो उससे माल-ढुलाई में होने वाले ख़र्च में बढ़ोतरी होती है। इससे हर चीज के दाम बढ़ते हैं। ये इसका अप्रत्यक्ष असर है।”

राहुल गांधी ने ये भी कहा कि 2014 में जब यूपीए ने सत्ता बीजेपी को सौंपी थी तब डीज़ल, पेट्रोल व गैस के दाम अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ज़्यादा होने के बावजूद भारत में इनके दाम कम थे।

इस बाबत उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में कहा था कि डीज़ल, पेट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। तब गैस सिलेंडर की कीमत मात्र 410 रुपये थी। आज 885 रुपये है। 116% वृद्धि है। पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 71.5 रुपये थे। आज प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 101 रुपये है। 42% वृद्धि है। और डीज़ल की कीमत प्रति लीटर 57 रुपये थी जो कि आज 88 रुपये है। ये 55% की वृद्धि है।

 

 

उन्होंने आगे जोड़ा, “मज़ेदार बात ये है कि कोई कह सकता है कि ये वृद्धि अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में हुई वृद्धि से प्रभावित हो सकती है। लेकिन जब यूपीए सरकार थी तब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल का दाम 105 रुपये थी। आज 71 रुपये है। हमारे दौर में 32 फीसदी ज़्यादा था। हमारे दौर में गैस का अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दाम 880 था, आज 653 है, 26 फीसदी ज़्यादा था। ऐसे में जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इन चीजों के दाम गिर रहे हैं और हिंदुस्तान में बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, हमारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है।
सरकार ने गैस, डीज़ल और पेट्रोल से 23 लाख़ करोड़ रुपये कमाया है। मेरा सवाल ये है कि ये 23 लाख़ करोड़ रुपये कहां गए?”

प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में गैस, पेट्रोल व डीज़ल के दाम बढ़ते हैं तो संकट पैदा हो सकता है।

उन्होंने कहा, “सरकार जिस तरह से ईंधन की कीमतों पर जी रही है, ये अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कम कीमतों ने इन्हें बचाकर रखा हुआ है। जैसे मैंने कोरोना की बात कही थी, मैं फिर से कह रहा हूं कि जिस दिन अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम 70 रुपये से 100 रुपये तक पहुंच जाते हैं तो यहां पर सारा मामला नियंत्रण से बाहर चला जाएगा। ये देश की हक़ीकत है। अच्छी लगे न लगे, वो अलग बात है।”

यही नहीं राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की मोनेटाइज़ेशन पॉलिसी पर भी निशाना साधा।

उन्होंने कहा, “किसान, मज़दूरों, छोटे एवं मंझले उद्योग, एमएसएमई, वेतन पाने वाले लोगों, सरकारी कर्मचारी, और इमानदारी उद्योगों का डिमोनेटाइजेशन हो रहा है… किसका मोनेटाइजेशन हो रहा है… नरेंद्र मोदी जी के चार-पांच दोस्तों का। वहां अर्थव्यवस्था जा रही है।”

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