जानें क्या है पेगासस स्पाइवेयर जिसने दुनियाभर के पत्रकारों और राजनीतिज्ञों पर साधा निशाना?

by MLP DESK
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रविवार को प्रकाशित 17 मीडिया संगठनों की एक जांच के अनुसार, दुनियाभर के पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 37 स्मार्टफ़ोन को हैक करने के प्रयास में एक इज़रायली कंपनी के स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया था।

 

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संगठनों में से एक, द वाशिंगटन पोस्ट ने कहा, इज़राइल स्थित NSO समूह द्वारा लाइसेंस प्राप्त पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल जमाल खशोगी के करीबी दो महिलाओं के फ़ोन को लक्षित करने के लिए भी किया गया था।
ग़ौरतलब है कि ख़शोगी की हत्या 2018 में की गई थी जिसका सीधा आरोप सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर लग रहा था।

यहां एक अन्य मीडिया आउटलेट ‘द गार्जियन’ ने कहा कि जांच ने NSO के हैकिंग सॉफ़्टवेयर के “व्यापक और निरंतर दुरुपयोग” का ख़ुलासा किया, जिसे मैलवेयर के रूप में वर्णित किया गया है जो संदेशों, फ़ोटो और ईमेल को निकालने के लिए स्मार्टफ़ोन को इफ़ेक्ट करता है। हालाँकि जाँच अबतक यह सामने नहीं आया है कि हैक का प्रयास किसने किया और क्यों किया।

NSO ने कहा कि इसका उत्पाद केवल सरकारी ख़ुफ़िया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आतंकवाद और अपराध से लड़ने के लिए है। कंपनी ने यहां अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर पेरिस स्थित गैर-लाभकारी संस्था फॉरबिडन स्टोरीज के नेतृत्व में 17 मीडिया भागीदारों की रिपोर्टिंग का खंडन किया।
“फॉरबिडन स्टोरीज़ की रिपोर्ट ग़लत धारणाओं और अपुष्ट सिद्धांतों से भरी हुई है जो स्रोतों की विश्वसनीयता और हितों के बारे में गंभीर संदेह पैदा करती है। ऐसा लगता है कि ‘अज्ञात स्रोतों’ ने ऐसी जानकारी दी है जिसका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है और यह वास्तविकता से बहुत दूर है।”

बयान में कहा गया, “उनके दावों की जांच करने के बाद, हम उनकी रिपोर्ट में लगाए गए झूठे आरोपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं।” NSO ने कहा कि उसकी तकनीक का ख
ख़शोगी की हत्या से कोई लेना-देना नहीं है।

अधिकार समूह ने एक बयान में कहा, “जब तक यह कंपनी (NSO) और उद्योग पूरी तरह से यह नहीं दिखा सकते कि यह मानवाधिकारों का सम्मान करने में सक्षम है, तब तक निर्यात, बिक्री, हस्तांतरण और निगरानी प्रौद्योगिकी के उपयोग पर तत्काल रोक लगानी चाहिए।”

लक्षित फ़ोन नंबर 17 मीडिया संगठनों के फॉरबिडन स्टोरीज़ और एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा प्रदान की गई सूची में थे। यह स्पष्ट नहीं था कि समूहों ने सूची कैसे प्राप्त की। सूची में नंबरों को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया गया था, लेकिन पत्रकारों ने 50 से अधिक देशों में फैले 1,000 से अधिक लोगों की पहचान की। उनमें कई अरब शाही परिवार के सदस्य, कम से कम 65 व्यावसायिक अधिकारी, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता, 189 पत्रकार और 600 से अधिक राजनेता और सरकारी अधिकारी शामिल थे, जिनमें कई राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री भी हैं।

 

Reuters

 

द गार्जियन ने कहा कि 180 से अधिक पत्रकारों की संख्या डेटा में सूचीबद्ध थी, जिसमें फाइनेंशियल टाइम्स, सीएनएन, न्यूयॉर्क टाइम्स, द इकोनॉमिस्ट, एसोसिएटेड प्रेस और रॉयटर्स के पत्रकार, संपादक और अधिकारी शामिल थे।

एपी मीडिया रिलेशंस के निदेशक लॉरेन ईस्टन ने कहा, “हम यह जानकर बहुत परेशान हैं कि कई समाचार संगठनों के पत्रकारों के साथ एपी के दो पत्रकार भी पेगासस स्पाइवेयर द्वारा लक्षित किए गए हैं।” उन्होंने कहा, “हमने अपने पत्रकारों के उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं और जांच कर रहे हैं।”

रॉयटर्स के प्रवक्ता डेव मोरन ने कहा, “पत्रकारों को जनहित में समाचारों को उत्पीड़न या नुकसान के डर के बिना रिपोर्ट करने की अनुमति दी जानी चाहिए, चाहे वे कहीं भी हों। हम रिपोर्ट से अवगत हैं और मामले की जांच कर रहे हैं।”

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