भारतीय पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती सगवाग को गौतम बुद्ध नगर कोर्ट में पेश होना पड़ा है। मंगलवार को आरती सगवाग जिला कोर्ट पहुंची। जिला कोर्ट ने आरती सगवाग की गैर जमानती वारंट की रिकॉल अर्जी स्वीकार की है। दरअसल, यह मामला ढाई करोड़ रुपए से जुड़ा हुआ है। इस पूरे मामले की जानकारी आरती सहवाग के वकील वीरेंद्र नागर ने दी है।
आरती सहवाग के वकील वीरेंद्र सहवाग ने बताया कि, लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी ने एसएमजीके एग्रो प्रोडक्ट कंपनी के पास रुपए जमा कराकर वर्क आर्डर दिया था, लेकिन एसएमजीके कंपनी यह आर्डर पूरा नहीं कर पाई थी। इसके बाद एसएमजीके कंपनी को लखनपाल प्रमोटर्स को राशि वापस करनी थी। जिसके लिए एसएमजीके ने लखनपाल प्रमोटर्स को ढाई करोड़ रुपए का चेक दे दिया था। लेकिन जैसे ही लखनपाल प्रमोटर्स ने एसएमजीके निदेशक आरती सहवाग द्वारा दिया गया चैक बैंक में डाला, तभी वो बाउंस हो गया था।
इस मामले में प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी के द्वारा एसएमजीके एग्रो प्रोडक्ट कंपनी को नोटिस जारी किया था। जवाब नहीं मिलने पर प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी ने गौतम बुद्ध कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद कोर्ट ने आरती सगवाग के खिलाफ वारंट जारी किया था। इस मामले में आरती सहवाग 5 जुलाई 2019 से को अंतिम बार कोर्ट में पेश हुई थी। उसके बाद वो जिला कोर्ट में पेश नहीं हुई थी। जिसके कारण उनके खिलाफ वारंट जारी किया था। अब जिला कोर्ट ने मंगलवार को आरती सहवाग को राहत देने हुए उनकी गैर जमानती वारंट की रिकॉल अर्जी स्वीकार की है।