देश-विदेश: चीन के इस सुरक्षा क़ानून के बाद ब्रिटेन के जज क्यों छोड़ रहे हैं हांगकांग?

by Disha
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ब्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय के अध्यक्ष सहित दो वरिष्ठ ब्रिटिश न्यायाधीशों ने हांगकांग की सर्वोच्च अदालत से अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है क्योंकि ब्रिटेन ने कहा कि वहाँ अब उनकी उपस्थिति मान्य नहीं है।

 

Reuters

 

बुधवार को जारी बयान में, ब्रिटेन के शीर्ष न्यायिक निकाय के प्रमुख रॉबर्ट रीड ने कहा कि वह और उनके साथी न्यायाधीश पैट्रिक हॉज, हांगकांग कोर्ट ऑफ़ फ़ाइनल अपील (HKCFA) में ग़ैर-स्थायी जजों के रूप में अपनी भूमिका छोड़ देंगे।

रीड ने कहा, “मैंने सरकार के साथ समझौते में यह बात कही है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अब प्रशासन का समर्थन किए बिना अपने पद पर काम करना जारी नहीं रख सकते और ऐसा करने से स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल्यों को चोट पहुँचती है।”

उन्होंने आगे कहा, “लॉर्ड हॉज और मैंने तदनुसार तत्काल प्रभाव से HKCFA के अस्थायी जजों के रूप में अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है।”

1997 में चीन को वापस सौंपने तक 150 से ज़्यादा सालों तक शासन करने वाले ब्रिटेन ने कहा है कि दो साल पहले बीजिंग द्वारा इस क्षेत्र पर लगाया गया सुरक्षा क़ानून 1984 के चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा(Sino-British joint declaration) का उल्लंघन है जिसने इसके कारण हमें आज यह रास्ता चुनना पड़ रहा है।

ब्रिटिश विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने कहा, “हमने हांगकांग में स्वतंत्रता और लोकतंत्र को व्यवस्थित ढंग से ख़त्म होते देखा है। राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लागू होने के बाद अधिकारियों ने स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र प्रेस और स्वतंत्र संघ पर नकेल कस दी है।”

उन्होंने आगे जोड़ा, “स्थिति अब चरम पर पहुंच गई है जिसके बाद ब्रिटिश जजों के लिए हांगकांग की अग्रणी अदालत में बैठना उचित नहीं है, और इससे उत्पीड़न को वैध बनाने का जोखिम भी बढ़ेगा।”

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