रिद्धिमान साहा को धमकी भरे संदेश भेजने के मामले में बीसीसीआई ने जांच को हरी झंडी दे दी है. बीसीसीआई की तरफ से इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है. समिति में बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के अलावा बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल और एपेक्स काउंसिल के मेंबर प्रभतेज सिंह भाटिया भी शामिल हैं.
जांच समिति रिद्धिमान साहा को एक पत्रकार द्वारा भेजे गए धमकी भरे मैसेज की वैधता की जांच करेगी और साहा से इस मामले में पूछताछ की जा सकती है. बीसीसीआई का मानना है कि टीम में चयन , टीम सेक्लेटर्स पर मीडिया में बात करने पर सेंटर कॉन्ट्रेक्टर का मेंबर होने के नाते क्लॉज 6.3 का उल्लंघन माना जायेगा.
क्या है पूरा मामला?
20 फरवरी को विकेटकीपर बल्लेबाज ने सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट के माध्यम से एक तथाकथित पत्रकार पर धमकी भरे मैसेज भेजने का आरोप लगाया था. हालांकि साहा ने पत्रकार का नाम बताने से इंकार कर दिया था. सोशल मीडिया पर पोस्ट पर कैप्शन देते हुए साहा कहते हैं “भारतीय क्रिकेट में अब तक किए गए योगदान के बाद मुझे एक तथाकथित ‘सम्मानित’ पत्रकार से ये मिला. देखिये पत्रकारिता कहां पहुंच गई है.”
टीम में जगह ना मिलने के बाद साहा का ये सोशल मीडिया संदेश कई बड़े सवाल खड़े करता है. साथ ही साहा को किए गए मैसेज के अनुसार “मुझे एक इंटरव्यू दीजिए. यह अच्छा रहेगा. अगर आप डेमोक्रेटिक बनना चाहते हैं तो मैं दबाव नहीं डालूंगा. वो एक विकेटकीपर चुनते हैं. जो भी सबसे अच्छा होता है. आप 11 पत्रकारों को चुनने की कोशिश करते हैं, जो मेरे हिसाब से सबसे अच्छे नहीं हैं. उसे चुनिए, जो सबसे ज़्यादा मददगार साबित हो सकता है.”
इसके आगे सोशल मीडिया पोस्ट में जो दावा किया जा रहा है पत्रकार धमकी भरे लहजे में साहा से कहते हैं कि “आपने मुझे कॉल नहीं किया. मैं आपका इंटरव्यू अब कभी नहीं करूंगा. मैं बेइज्जती को हल्के में नहीं लेता. और मैं इसे याद भी रखूंगा.”
रिद्धिमान साहा के इस ट्वीट के बाद कई बड़े क्रिकेटर ने उनके समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट को टैग किया और पत्रकार के नाम उजागर करने को लेकर बीसीसीआई से जांच की मांग की थी.
लेखक: गौरव मिश्र