2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एक और गवाह गुरुवार को मुकर गया और उसने लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को छोड़कर, जो कोर्ट में मौजूद थे, किसी को भी पहचानने से इनकार कर दिया।
इसका मतलब है कि उसने अभियोजन पक्ष का समर्थन करने से इनकार कर दिया। इससे पहले फरवरी में पंचमढ़ी का एक होटल व्यवसायी मुकरने वाला 18वां गवाह बना था।
29 सितंबर, 2008 को मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल से बंधा एक विस्फोटक उपकरण फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज़्यादा घायल हो गए थे।
मालेगांव उत्तर महाराष्ट्र के नासिक ज़िले का एक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर है। मामले के आरोपियों में भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश शामिल हैं। इसके अलावा उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी, ये सभी ज़मानत पर बाहर हैं।