आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर-प्रदेश में एक बार फिर कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक,रक्षाबंधन के बाद योगी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।
खबर यह है को विस्तार में सहयोगी दलों को मौका देने के साथ ही जातिय समीकरण का फार्मुला भी लागू होगा। यूपी कैबिनेट में 5 से 6 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं लेकिन इस बार कैबिनेट बदलाव को लेकर कोई चर्चा नही है।
जातीय समीकरण को दी जाएगी प्राथमिकता
यूपी कैबिनेट विस्तार जातीय समीकरणों का खास ख्याल रखते हुए पार्टी ब्राह्मण, ओबीसी और दलित चेहरे पर दांव लगायेगी। साथ ही आपको बता दें कि विधान परिषद सदस्य के नामों की भी चर्चा है। वहीं पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन से बदले महौल को अपने पक्ष पमें करने के लिए पश्चिमी यूपी से लक्ष्मीकांत बाजपेयी, मेरठ दक्षिण के विधायक सोमेंद्र तोमर और जाट समाज से मोदी नगर की विधायक मंजू सिवाल को भी मौका मिल सकता है।
जितिन प्रसाद और सहयोगी दलों को भी मिलेगा मौका
भाजपा इस बार कैबिने विस्तार में अपने सहयोगी दलों को मौका दे सकता है। जिनमें निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद और अपना दल के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल शामिल हैं। साथ ही कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को कौबिनेट में जगह मिल सकती है।
योगी आदित्यनाथ ने की थी अमित शाह से मुलाक़ात
दिल्ली में हुई हाईकमान की बैठक में इस बात पर मुहर लगी है कि विधान परिषद में खाली MLC के 4 सीटों के भरने के साथ
ही कैबिनेट का विस्तार भी किया जा सकता है। बता दें गुरुवार को दिल्ली में हुई गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल की बैठक में नामों को लेकर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, यह तय हुआ कि रक्षाबंधन से पहले एमएलसी के मनोनयन के लिए 4 नामों की लिस्ट सीएम राजभवन भेज देगे। एमएमलसी के मनोनयन के बाद कैबिनेट विस्तार किया जा सकता है।