यूक्रेन मसले पर पीएम की हाईलेवल मीटिंग, यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों में जाएंगे भारत के केंद्रीय मंत्री

by Priya Pandey
0 comment

यूक्रेन से पड़ोसी देशों के ज़रिए भारतीय छात्रों को भारत लाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज 249 भारतीय नागरिकों को लेकर बुखारेस्ट (रोमानिया) से रवाना हुई पांचवीं ऑपरेशन गंगा फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गई है।


इस पूरे निकासी अभियान को ऑपरेशन गंगा का नाम दिया गया है। युद्ध के इस माहौल में यूक्रेन में मौजूद छात्रों के वायरल वीडियो सामने आ रहे हैं जो बाद भारत सरकार के लिए चिंता नहीं का सबब बना हुआ है। इसके अलावा आए रोज संयुक्त राष्ट्र में इस मसले पर भारत के वोटिंग पैटर्न को निशाना बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यूक्रेन में फंसे छात्रों पर भारत की इस वोटिंग की नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इसके बाद पीएम मोदी ने कल शाम के बाद दूसरी हाईलेवल मीटिंग बुलाई है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस ऑपरेशन को मॉनिटरिंग करने के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप पुरी, रिटायर्ड जनरल वीके सिंह और किरेन रिजिजू को यूक्रेन के पड़ोसी के देशों में भेजा जा सकता है। गैरतलब है कि रोमानिया, हंगरी, चेक स्लोवाकिया और पोलैंड ऐसे देश हैं जिनके सहयोग से भारत अपने छात्रों को निकालने में जुटा हुआ है।

यूएन में वोटिंग से दूरी के क्या है मायने?

कल रात भी भारत ने लगातार दूसरी बार रूस-यूक्रेन संकट पर यूएन में वोटिंग से दूरी बनाई रखी है। हालांकि भारत ने दोनों मुल्कों के दोनों राष्ट्रपतियों से बात रखी और दोनों पक्षों से शांति की अपील की है।
भारत का यूक्रेन के साथ रूस या अमेरिका की तरह सीधा रिश्ता नहीं है लेकिन इन दोनों देशों के मौजूदगी ने कही ना कही भारत के निर्णय लेने को जटिल बना दिया है। इस समय भारत किसी के साथ खड़ा दिखना नहीं चाहता लेकिन हमेशा से कूटनीति और संवाद की बात दोहराता आया है। भारत का मानना हैं देशों को अंतराष्ट्रीय कानून मानना चाहिए और दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए।

लेखक: गौरव मिश्र

About Post Author